राज्य में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे सुरक्षा बल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और पर्यटकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए राज्य सरकार महाराष्ट्र पर्यटन सुरक्षा बल यानी पर्यटन मित्र की स्थापना करेगी। पर्यटन क्षेत्र में बढ़ते अवसरों, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विविधता को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों को सुरक्षित पर्यटन का अनुभव प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है, ऐसा पर्यटन मंत्री शंभुराज देसाई ने बताया।
मंत्री देसाई ने स्पष्ट किया कि इस पहल के तहत पर्यटन क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपये के निजी निवेश और 18 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया है। महाराष्ट्र पर्यटन सुरक्षा बल को 2 से 4 मई, 2025 तक सतारा जिले में आयोजित होने वाले महाबलेश्वर महोत्सव के दौरान पायलट आधार पर लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि यह फैसला पहलगाम हमले के मद्देनज़र भी लिया गया है।
राज्य में आने वाले पर्यटकों के मन में सुरक्षा की भावना पैदा करने तथा उन्हें राज्य की संस्कृति, इतिहास, पर्यटन स्थलों, कानून, नियमों और पर्यटन के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए राज्य के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की सेवा के लिए अनुबंध के आधार पर पर्यटन पुलिस की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए पर्यटन विभाग ने राज्य सुरक्षा बोर्ड और मेस्को को अपने कर्मचारियों की जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
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इस पर्यटन सुरक्षा बल का मुख्य उद्देश्य राज्य के पर्यटन स्थलों, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानकारी देना होगा, मंत्री देसाई ने कहा कि इस बल को पर्यटकों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा। देसाई ने यह भी कहा कि इससे पर्यटन स्थलों पर सीसीटीवी, हेल्पलाइन और तत्काल प्रतिक्रिया तंत्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
2 से 4 मई तक आयोजित होने वाले महाबलेश्वर महोत्सव के लिए महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम द्वारा सतारा जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के माध्यम से 25 कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। इन कर्मियों को पर्यटकों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह बल 31 अगस्त 2025 तक कार्यरत रहेगा। महाबलेश्वर महोत्सव में पायलट सिद्धांत के सफल क्रियान्वयन के बाद पूरे महाराष्ट्र के लिए महाराष्ट्र पर्यटन सुरक्षा बल की स्थापना की जाएगी।