संजय राउत ने की तारीफ (सौजन्य-एक्स)
मुंबई: साल की शुरुआत के पहले दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गड़चिरोली का दौरा किया था। इस दौरान गड़चिरोली के सक्रिय 11 नक्सलियों ने उनके सामने सरेंडर किया था। इस मुद्दे को लेकर देवेंद्र फडणवीस की विपक्ष भी सराहना कर रहा है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को सामना के संपादकीय में कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की है क्योंकि राज्य सरकार ने गडचिरोली जिले में सक्रिय नक्सलियों को आत्मसमर्पण करवाकर “सराहनीय काम” किया है और उन्हे देवाभाऊ कहा है।
राउत ने गड़चिरोली के पिछले संरक्षक मंत्री पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अपने एजेंट नियुक्त किए और पैसा इकट्ठा किया जिससे नक्सलवाद बढ़ा। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) इस बात की सराहना करती है कि मुख्यमंत्री ने संरक्षक मंत्री के रूप में गडचिरोली का प्रभार संभाला है।
संजय राउत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, “हमने देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा की है, क्योंकि सरकार ने अच्छा काम किया है। महाराष्ट्र हमारा राज्य है और गड़चिरोली जैसी जगह जो नक्सलवाद से प्रभावित है – अगर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया और संवैधानिक रास्ता चुना – तो हम उसका स्वागत करते हैं। पहले के ‘संरक्षक मंत्री’ ऐसा कर सकते थे – लेकिन इसके बजाय, उन्होंने अपने एजेंट नियुक्त किए और पैसा इकट्ठा किया जिससे नक्सलवाद बढ़ा… हमने देवेंद्र फडणवीस के साथ काम किया है – वह रिश्ता चलता रहता है, लेकिन हम विपक्ष में हैं और हम मुद्दे उठाते रहेंगे।”
#WATCH | Mumbai, Maharashtra | Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, "We have praised Devendra Fadnavis as the govt has done a good job. Maharashtra is our state and a place like Gadchiroli which is affected by naxalism – if the Naxalites surrendered and opted for the… pic.twitter.com/dyNsTOwFOZ — ANI (@ANI) January 3, 2025
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने आगे कहा कि गड़चिरोली का विकास पूरे महाराष्ट्र के लिए “अच्छा” होगा। राउत ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सराहना की है जब उन्होंने अच्छा काम किया है। राउत ने कहा, “मैंने नक्सलियों को हथियार डालते और भारतीय संविधान को स्वीकार करते हुए देखा है, इसलिए अगर कोई ऐसा करता है तो इसकी सराहना की जानी चाहिए। अगर गड़चिरोली जैसे जिले का विकास होता है तो यह पूरे राज्य के लिए अच्छा है और अगर यह महाराष्ट्र का स्टील सिटी बन जाता है तो इससे बेहतर कुछ नहीं है। अगर देवेंद्र फडणवीस इस तरह की पहल कर रहे हैं तो इसकी सराहना की जानी चाहिए। हमने पीएम मोदी की भी आलोचना की है, लेकिन जब वे कुछ अच्छा करते हैं तो हम उनकी सराहना करते हैं।”
उन्होंने कहा कि लोग केवल उन उद्योगपतियों से पैसे ऐंठने के बारे में सोचते हैं जो नक्सल प्रभावित जिले में काम शुरू करने की इच्छा रखते हैं। हालांकि, स्थिति बदलती दिख रही है और इसकी सराहना की जानी चाहिए, राउत ने कहा। शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा, “आज तक यह चलन रहा है कि जो भी उद्योग गडचिरोली में आता है, लोग केवल उस उद्योगपति से जबरन वसूली के बारे में सोचते हैं जो गडचिरोली में कुछ शुरू करने की इच्छा रखता है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि चीजें बदल रही हैं और इसकी सराहना की जानी चाहिए।”
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महाराष्ट्र के गड़चिरोली में बुधवार को 11 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 1 करोड़ रुपये का इनामी विमला चंद्र सिदम उर्फ तारक्का भी शामिल है। 8 महिलाओं और 3 पुरुषों सहित 11 नक्सलियों ने गड़चिरोली पुलिस मुख्यालय में आत्मसमर्पण किया। इन सभी पर एक करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इन पर इनाम घोषित किया था।
आत्मसमर्पण करने वालों में दंडकारण्य जोनल कमेटी की प्रमुख और 34 साल से नक्सलवाद में शामिल भूपति की पत्नी तारक्का सिदम भी शामिल थी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में तीन डिवीजन कमेटी सदस्य, एक डिप्टी कमांडर और दो एरिया कमेटी सदस्य शामिल थे। इनमें से प्रत्येक को उनके नए जीवन को सहारा देने के लिए 86 लाख रुपये की वित्तीय सहायता पैकेज प्रदान किया गया। आत्मसमर्पण के दौरान मौजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य से नक्सलवाद जल्द ही खत्म हो जाएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)