मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र की तरह संशोधित राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। यह योजना मार्च 2024 से लागू की जाएगी। रविवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से राज्य के लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी थी। इसके बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी इस नई पेंशन योजना को अपनाने का निर्णय लिया है। रविवार को महाराष्ट्र की महायुति कैबिनेट ने यूपीएस को मंजूरी दे दी है। इस पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारियों को 50% सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान है। साथ ही सुनिश्चित फैमिली पेंशन, मिनिमम पेंशन, इंडेक्सेशन और ग्रेच्युटी के अलावा एक्स्ट्रा पेमेंट भी शामिल है। UPS से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी लाभान्वित होंगे। अगर राज्य सरकारों के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं, तो करीब 90 लाख कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम से फायदा होगा।
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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में निवेश का जोखिम राज्य सरकार को उठाना चाहिए, ऐसे समिति द्वारा अनुशंसित सिद्धांत को स्वीकार करते हुए शिंदे कैबिनेट ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार की संशोधित राष्ट्रीय पेंशन योजना 1 मार्च 2024 से लागू करने का निर्णय लिया है। अर्थात यदि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की निश्चित आयु पर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को प्रस्तावित संशोधित राष्ट्रीय पेंशन योजना का विकल्प दिया जाता है, तो उन्हें उनके अंतिम वेतन के 50% के बराबर पेंशन मिलेगी और मुद्रास्फीति में वृद्धि होने पर पारिवारिक पेंशन में 60% की वृद्धि होगी।
इस योजना के अंतर्गत सेवा अवधि की गणना सदस्य द्वारा वास्तव में भुगतान किए गए अंशदान (सदस्यता) से संबंधित होगी। संशोधित राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू होने के समय से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत संचित निधि में से पहले या बाद में की गई किसी भी तरह की निकासी पर 10% ब्याज का भुगतान करना होगा अन्यथा उनके लिए पेंशन की रकम उस आधार पर निर्धारित की जाएगी।
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उपरोक्त निर्णय मान्यता प्राप्त और अनुदान प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, गैर-कृषि विश्वविद्यालयों और उनके संबद्ध सहायता प्राप्त गैर-सरकारी कॉलेजों और कृषि विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के संबंध में उचित संशोधनों के साथ लागू रहेंगे, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के सदस्य हैं और इसे पूरा करते हैं।
कर्मचारी जिस दिन रिटायर होंगे। उससे पहले के 12 महीने में बेसिक सैलरी का एवरेज निकाला जाएगा। उसकी 50% राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। सरकार ने इसकी गारंटी दी है।
इस स्कीम का लाभ लेने के लिए नौकरी में न्यूनतम 25 साल होने चाहिए। अगर 10 साल की जॉब करने के बाद रिटायर हुए तो 10 हजार रुपये पेंशन मिलेगी। कर्मचारियों को योगदान 10% बना रहेगा। सरकार 18.5% करेगी। हर तीन साल बाद इसे समीक्षा करने के बाद बढ़ाया जा सकता है।
कर्मचारी के निधन होने पर फैमिली पेंशन मिलेगी। पार्टनर को बेसिक सैलरी की 60% पेंशन मिलेगी। गणना देहांत के समय आखिरी महीने की बेसिक वेतन से होगी।