
पृथ्वीराज चौहान (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने इंडिगो एयरलाइन संकट के लिए केंद्र सरकार, डीजीसीए और एयरलाइंस पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने एविएशन सेक्टर में बढ़ती मोनोपॉली, नियमों के उल्लंघन और सरकार व एयरलाइन के बीच कथित मिलीभगत को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू के इस्तीफे, डीजीसीए के जिम्मेदार अधिकारियों को नौकरी से निकालने और इंडिगो के सीईओ को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की है। मुंबई में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए चव्हाण ने कहा कि इंडिगो का यात्री संकट बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाली घटना है।
यह सब केंद्र सरकार और डीजीसीए की ओर से इंडिगो को दी गई छूट और बिलाई के कारण हुआ। डीजीसीए के 1 जुलाई 2024 से लागू किए गए नियमों की वजह से मोनोपॉली बढ़ी है। एविएशन सेक्टर में सिर्फ दो कंपनियों इंडिगो 65% और टाटा ग्रुप 30% की मोनोपॉली है। यह स्थिति बेहद खतरनाक है।
पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कॉम्पिटिशन कमीशन को भंग करने और एक नई कमेटी बनाने की माग की है। साथ ही उन्होंने इंडिगो को दो हिस्सों में बांटने और हर एक का मैक्सिमम मार्केट शेयर 30% रखने का प्रस्ताव रखा है, चव्हाण ने आरोप लगाया कि इंडिगो के मालिकों ने इलेक्टर बॉन्ड के जरिए भाजपा को 56 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।
क्या इसका डीजीसीए के फैसली से कोई कनेक्शन है? इसकी जांच होनी चाहिए, उन्होंने कहा कि अडानी डिफेंस ने इस साल 25 नवंबर को देश का सबसे बड़ा पायलट ट्रेनिग इंस्टिट्यूट खरीदा, इससे इस सेक्टर में मोनोपॉली बढ़ने का खतरा है, क्योंकि कुछ दिनों पहले केंद्रीय उड्डयन मंत्री ने घोषणा की थी कि देश को अगले 10-15 वर्षों में 30,000 पायलटों की जरूरत पड़ सकती है। इसके बाद अडानी ने ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खरीद लिया।
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चव्हाण ने यात्रियों को हुए नुकसान भरपाई के लिए मांग की है कि सरकार कम से कम 1000 करोड़ रुपये का एक स्पेशल फंड बनाए, भोपाल गैस त्रासदी की तरह यात्रियों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। इस संकट पर 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने के लिए एक हाई-लेवल जांच कमेटी बनाई जानी चाहिए, उन्होंने कहा कि साल 2004 में 10 एयरलाइंस थी।






