
गोवा नाइटक्लब फायर एक्सीडेंट (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: गोवा के नाइटक्लब में लगी आग में 25 लोगों की जान चली गई। इस हादसे ने एक बार फिर क्लब, होटल व मॉल में फायर सेफ्टी के गंभीर मुद्दों को उजागर कर दिया है।
इस भयावह घटना से सबक लेते हुए मुंबई फायर ब्रिगेड एक्टिव हो गई है और आगामी 15 दिसंबर से लेकर 26 दिसंबर तक शहर के सभी क्लब, होटल, मॉल व आम जनता के जमावड़े बाली जगहों का इंस्पेक्शन किया जाएगा।
इस अभियान के दौरान फायर ब्रिगेड के अधिकारी किसी भी क्लब में जाकर वहां के फायर सेफ्टी इंतजाम का मुआयना कर सकते हैं। यदि इंस्पेक्शन में कोई क्लब दोषी पाया गया, तो उस संबंधित क्लब का पहले लाइट, पानी बंद होगा और अगर इसके बाद भी वह फायर सेफ्टी पर ध्यान नहीं देता है तो क्लब को सीज कर दिया जाएगा।
मुंबई फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी ने बताया कि यह अभियान बहुत इंटेंसिव होगी। इसमें फायर एग्जिट, फायर उपकरण, स्मोक डिटेक्टर, फव्वारे, और आग बुझाने वाले सिलिंडर इन सभी की जांच की जाएगी।
इसके लिए मुंबई फायर ब्रिगेड की लगभग 70 टीमों को काम पर लगाया जाएगा। इसमें स्टेशन इंचार्ज से लेकर फायर फाइटर जवान शामिल होंगे। टीमों का गठन अंतिम चरण में पहुंच चुका है। जल्दी ही इंस्पेक्शन शुरू किया जाएगा।
बता दें कि गोवा की तरह नए साल पर मुंबई में भी क्लबों में भारी भीड़ इकट्ठा होती है। वर्ष 2017 में कमला मिल्स कंपाउंड के एक क्लब में लगी आग जिसने 14 लोगों की जान चली गई थी, उस घटना के बाद मुंबई फायर ब्रिगेड ने ऐक्शन लेते हुए कई क्लब्स, होटल्स और नाईट क्लब्स को नोटिस भेजकर फायर सेफ्टी नियमों का पालन करने को कहा था।
बता दें कि कमला मिल्स के मोजो ‘स बिस्त्रो में आग कथित रूप से उस समय लगी जब हुक्का के लिए जलाए गए कोयले की एक चिंगारी परदे पर गिरी और तेजी से पास के रेस्टोरेंट तक फैल गई। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हुई, जिनमें 11 महिलाएं शामिल थी। ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुई क्योकि रेस्टोरेंट में मौजूद लोग धुएं के कारण बाहर नहीं निकल पाए और शौचालय में शरण लेने को मजबूर हुए थे।
कमला मिल्स में क्लब में लगी आग की घटना ने ज्वलनशील सामग्री के अनियंत्रित उपयोग, निकास मार्गों पर बाधाओं और रेस्टोरेंट द्वारा बनाई गई अनधिकृत ढांचों पर गंभीर सवाल खड़े किए, पुलिस ने रेस्टोरेंट के मालिकों को अग्नि सुरक्षा प्रक्रियाओं और अग्निशमन उपकरणों की कमी लिए जिम्मेदार ठहराया।
पुलिस का दावा था कि निकास मार्गों पर बाधाओं और रेस्टोरेंट में रखी ज्वलनशील सामग्री के कारण आग तेजी से फैली और लोग बाहर नहीं निकल पाए। बीएमसी के एक स्टेशन फायर अधिकारी, फायर अधिकारी और एक सब-इंजीनियर को भी आरोपी बनाया गया था। इन अधिकारियों ने रेस्टोरेंट में हो रहे उल्लंघनों को नजरअंदाज किया और उनमें से एक ने तो कथित रूप से झूठी रिपोर्ट देकर यह तथ्य छिपाया कि टैरेस को ढकने वाली शीट ज्वलनशील सामग्री की बनी थी।
अधिकारी ने बताया कि किस वार्ड में कितने क्लब, होटल व मॉल है इसकी जानकारी वार्ड कार्यालय से मंगाई जाएगी। इसके बाद संबंधित जगहों पर फायर ब्रिगेड की टीम दस्तक देगी। उन्होंने बताया कि पूरे मुंबई 3 हजार से अधिक पंजीकृत क्लब्स की संख्या है, जहां हर रोज हजारों लोग आते रहते है, ऐसे में फायर सेफ्टी नियमित तौर पर किया जाता है। फायर सेफ्टी के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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कुर्ला में एक रेस्टोरेंट में लगी आग में आठ लोगों की मौत – हुई थी। इसके बाद बीएमसी ने रेस्टोरेंट्स के लिए फायर– सुरक्षा अनुपालन की घोषणा करना अनिवार्य कर दिया था। इस वर्ष जून में चॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को लापरवाह ठहराया और आठों पीड़ितों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। उस मामले में भी रेस्टोरेंट मालिक के खिलाफ -मुकदमा अब तक शुरू नहीं हुआ है।






