नाले में गिरकर मासूम की मौत (pic credit; social media)
Thane Child Falling into Drain: डोंबिवली पश्चिम से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नवरात्र भंडारे में भोजन करने के बाद हाथ धोने गए मासूम आयुष कदम खुले नाले में गिर गए। मासूम की मौत से इलाके में आक्रोश की लहर है और लोगों ने मनपा पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग तेज कर दी है।
यह हादसा रविवार देर रात सरोवर नगर इलाके में हुआ। आयुष अपने परिवार से यह कहकर निकला था कि वह भंडारे में भोजन करने जा रहा है। भोजन करने के बाद जैसे ही वह हाथ धोने गया, अचानक खुले नाले में गिर पड़ा। मौके पर उसके माता-पिता ने चीख-चीखकर गुहार लगाई। “हमारा बच्चा नाले में गिर गया है, उसे बचाओ।” लेकिन वहां मौजूद लोग भोजन में मशगूल रहे और किसी ने मदद नहीं की।
करीब दो घंटे तक बच्चे की तलाश जारी रही। फायर ब्रिगेड को बुलाया गया, लेकिन उनके पास जरूरी उपकरण नहीं थे। दमकलकर्मी नाले में उतरने से हिचकिचाते रहे। आखिरकार, स्थानीय युवक वेदांत जाधव ने अपनी जान जोखिम में डालकर नाले में छलांग लगाई और आयुष को बाहर निकाला। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने कहा कि अगर बच्चे को आधा घंटा पहले अस्पताल पहुंचा दिया जाता, तो उसकी जान बच सकती थी।
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घटना के बाद इलाके में गुस्से का माहौल है। शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और मनपा अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने और दोषी अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने की मांग रखी।
लोगों का कहना है कि खुले नाले को ढकने में मनपा की लापरवाही और दमकल विभाग की सुस्ती ने एक मासूम की जान ले ली। यह सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि प्रशासन की अमानवीयता का चेहरा उजागर करता है।
स्थानीय नागरिकों ने सवाल उठाया है कि आखिर कब तक ऐसे हादसों में मासूमों की जान जाती रहेगी और जिम्मेदार अधिकारी बच निकलेंगे। यह घटना न केवल प्रशासन की नाकामी है बल्कि पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है।