बॉम्बे हाई कोर्ट (pic credit; social media)
Mumbai News: पूर्व मुख्य सचिव सुजाता सौनीक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनके चार साल पुराने मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है।यह 26 नवम्बर को देशद्रोह व राष्ट्रविरोधी मामले में अदालती आदेश की अनदेखी करने पर जारी किया गया है। यह मामला उनके सेवा काल का है। दरअसल, जनहित याचिका दायर करने वाले वकील सतपाल सिंह ने अदालत को बताया कि सुजाता सौनीक को अदालत में 11 जनवरी को पेश होना था, लेकिन वह पेश नहीं हुईं।
सतपाल सिंह ने अदालत को बताया कि 27 अक्टूबर 2024 के उस आदेश के खिलाफ अदालत की अवमानना याचिका दायर की गई थी, जिसमें अदालत ने 27 अक्टूबर को आदेश दिया था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की पूर्व अधिकारी सुजाता सौनीक और तीन अन्य को अदालत में पेश होना होगा।
वकील ने कहा कि इस आदेश के बावजूद सुजाता सौनीक 11 जनवरी को अदालत में पेश नहीं हुईं। इसके बाद अदालत ने सख्त रवैया अपनाते हुए यह गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फड़के की पीठ ने दिया है।
सतपाल सिंह ने सुजाता सौनीक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाया है कि उन्होंने 2020 से 2024 के बीच राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से संबंधित आदेश जारी किए।
यह भी पढ़ें- मोदी के नाम पर शिंदे ने शुरू की थी योजना, अब फडणवीस सरकार ने लगाई ब्रेक!
अदालत ने कहा कि बार-बार अवसर देने के बाद भी अधिकारी पेश नहीं हुए। इसलिए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाता है। अब यह मामला 30 अक्तूबर 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।