कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में एक और गिरफ्तारी हुई है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने फरार आरोपी उन्नानाथन अरुणाचलम उर्फ अरुण के बेटे मनोहर अरुणाचलम (33) को पकड़ लिया है। 122 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में यह चौथी गिरफ्तारी है। अब इस मामले में जांच तेज़ होती जा रही है और EOW इस बड़े वित्तीय घोटाले की तह तक जाने में जुटी है। मनोहर अरुणाचलम को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गिरफ्तार आरोपी मनोहर का पिता, उन्नानाथन अरुणाचलम उर्फ अरुणभाई अभी भी फरार है। अरुणभाई सोलर पैनल का ठेकेदार है और मलाड के मालवणी इलाके में रहता है। उसने को-ऑपरेटिव बैंक के जीएम हितेश मेहता से 40 करोड़ रुपये लिए थे।
घोटाला सामने आने के बाद से उन्नानाथन अरुणाचलम भाग गया है, EOW उसकी तलाश में जुटी हुई है। इस बीच, ईओडब्ल्यू ने मामले से जुड़ी छह ऑडिट फर्मों को समन भेजा है। ईओडब्ल्यू बैंक के रिकॉर्ड में विसंगतियों का पता लगाना चाहती है। खास तौर पर ‘कैश-इन-हैंड’ यानी हाथ में मौजूद नकदी के आंकड़ों की जांच की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, प्रभादेवी स्थित बैंक के मुख्य कार्यालय की तिजोरी में केवल 10 करोड़ रुपये ही रखे जा सकते हैं। लेकिन 11 फरवरी 2025 को ट्रायल बैलेंस में ‘कैश-इन-हैंड’ 133.41 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। यानी कागजों में 133 करोड़ रुपये थे, लेकिन हकीकत में बहुत कम पैसे मिले।
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अधिकारियों को जांच के दौरान केवल 11.13 करोड़ रुपये ही मिले। इसमें से 10.53 करोड़ रुपये गोरेगांव कैश सेल की तिजोरी में और 60 लाख रुपये मुख्य कार्यालय की तिजोरी में थे। यह बड़ा अंतर ईओडब्ल्यू के लिए अहम सुराग है। देखना यह है कि जांच में आगे क्या खुलासा होता है।
इधर RBI ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को बड़ी राहत दी है। 24 फरवरी को RBI ने खाताधारकों को 25,000 रुपए तक निकालने की अनुमति दे दी थी। बता दें कि मामला सामने आने के बाद RBI ने बैंक के लेन-देन पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। लेकिन इस निर्णय के दो सप्ताह बाद यह राहत दी है।