'दादा' का मास्टरस्ट्रोक (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai News: उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यानी दादा ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक लगाया है। दरअसर वे आज सोलापुर में बाढ़ की स्थिती का जायजा ले रहे थे। जिसके बाद उन्होने बड़ा निर्णय लेते हुए एक आदेश निकाया जिसके अनुसार राकांपा के सभी मंत्री, सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्य अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने यह जानकारी दी और यह निर्णय महाराष्ट्र में आई बाढ़ के मद्देनजर लिया गया है।
तटकरे ने कहा कि संकट की इस कठिन घड़ी में हर नेता का महाराष्ट्र की जनता के साथ खड़ा होना ज़रूरी है। इस बीच, उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार ने अपने सभी पूर्व नियोजित कार्यक्रम रद्द कर दिए और बाढ़ प्रभावित इलाकों का सीधा दौरा किया। आज वे सोलापुर, धाराशिव और बीड ज़िलों का व्यक्तिगत रूप से दौरा कर रहे हैं और स्थानीय मंत्रियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।
अजित पवार ने आज प्रभावित नागरिकों से बातचीत की और प्रशासन को किसानों को तत्काल सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी राकांपा मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में राहत कार्य जारी रखने का भी आदेश दिया। इसके साथ ही, सुनील तटकरे ने यह भी कहा कि एनसीपी द्वारा जल्द ही कुछ और राहत योजनाओं की घोषणा की जाएगी। पार्टी की इस संयुक्त पहल से बाढ़ प्रभावित परिवारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि एनसीपी पार्टी हमेशा किसानों, मज़दूरों और आम नागरिकों के लिए मज़बूती से खड़ी रही है।
मुसळधार पावसामुळे महाराष्ट्रातील अनेक जिल्ह्यांमध्ये मानवी जीव, घरे, जनावरे, शेतजमिनी व खरीप-बागायती पिकांचं मोठं नुकसान झालं आहे. ही परिस्थिती हृदय पिळवटून टाकणारी आहे. या कठीण काळात पक्षाचे राष्ट्रीय अध्यक्ष आणि राज्याचे उपमुख्यमंत्री श्री अजितदादा पवार यांच्या निर्देशानुसार… pic.twitter.com/B0Nguk4iJ0 — MahaNCPspeaks (@mahancpspeaks) September 24, 2025
उपमुख्यमंत्री अजित पवार मराठवाड़ा के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं। इस दौरान किसानों ने अजित पवार से मांग की कि सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करे। कई किसानों की फसलें बह गई हैं, ज़मीनें कट गई हैं। इस पर अजित पवार ने कहा, “मैं यह सब देखने आया हूँ। पानी निकलने दीजिए, देखते हैं कितनी ज़मीन बह गई है। जिनकी ज़मीनें कट गई हैं, जिनकी ज़मीनें नदी के किनारे हैं, वो गरीबों की ज़मीन है, अगर बह गई है, तो हमने इस बारे में फैसला ले लिया है। पानी निकल जाने पर सरकार सबकी मदद करेगी।”
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महाराष्ट्र सरकार भारी बारिश से प्रभावित किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी। अब तक 2,215 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की जा चुकी है। साथ ही, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की है कि मौजूदा मानदंडों में ढील देकर किसानों को और अधिक सहायता प्रदान की जाएगी।