ठाकरे ब्रदर्स के 'दिल और दिमाग' वाले फार्मूले से MVA में टेंशन! राउत बोले- केवल विधानसभा के लिए...
Mumbai News: शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे की अपने चचेरे भाई महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के साथ मुलाकात के एक दिन बाद सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि उनकी चर्चा राजनीतिक थी और नगर निकाय चुनावों से पहले दोनों दलों के बीच गठबंधन ‘‘दिल और दिमाग” से किया जाएगा।
राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ठाकरे बंधुओं के बीच व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंध मजबूत हैं एवं भले ही कोई उन्हें तोड़ने की बहुत कोशिश करे, लेकिन बातचीत बहुत आगे बढ़ गई है। उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मुंबई का महापौर असली भगवा रंग वाला मराठी होगा। वह दिल्ली के आगे झुकने वाला नहीं होगा।”
रविवार को उद्धव और राज के बीच हुई मुलाकात का ज़िक्र करते हुए राउत ने कहा, “चर्चा राजनीतिक थी।” दोनों चचेरे भाई रविवार को बांद्रा में राउत के पोते के नामकरण समारोह के दौरान मिले। इसके बाद राज उपनगर स्थित उद्धव के आवास ‘मातोश्री’ गए और उनसे बातचीत की। पांच जुलाई के बाद से दोनों नेताओं की यह पांचवीं सार्वजनिक मुलाकात थी।
राउत ने कहा, “यह गठबंधन दिल और दिमाग से बनेगा। यह कोई राजनीतिक गठबंधन नहीं है। यह तन-मन-धन से बना गठबंधन है।” यह पूछे जाने पर कि क्या मनसे महा विकास आघाडी (एमवीए) का हिस्सा बनेगी, शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा कि इस सवाल का जवाब केवल राज ही दे सकते हैं।
उन्होंने कहा, “एमवीए का गठन तीन प्रमुख दलों से मिलकर हुआ था। मनसे एक स्वतंत्र पार्टी है। शिवसेना (उबाठा) और मनसे (नगर निकाय चुनावों के लिए) के बीच बातचीत चल रही है। एमवीए के साथ संबंध अच्छे हैं और राज ठाकरे के एमवीए नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं।” उन्होंने बताया कि एमवीए का गठन राज्य विधानसभा के लिए किया गया था और पार्टी नगर निकाय चुनावों के लिए एक नया फॉर्मूला लेकर आएगी।
हालांकि, मनसे के एक नेता ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई और राज ठाकरे ‘मातोश्री’ इसलिए गए, क्योंकि वह पास में ही एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। दोनों दलों के बीच गठबंधन की आधिकारिक घोषणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य में 27 नगर निकाय हैं और हर सीट और पैनल पर विस्तृत चर्चा होना जरूरी है।
यह भी पढ़ें- कल्याण-बदलापुर रोड का काम तय! उल्हासनगर की टूटी सड़कों पर जल्द आएगा सुधार
उन्होंने कहा कि प्रत्येक नगर निकाय में राजनीतिक स्थिति अलग-अलग होती है और स्थानीय स्तर पर नेताओं के बीच चर्चा होती रहती है। महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सहित विभिन्न नगर निकायों के चुनाव वर्ष के अंत तक होने की संभावना है।