पिछले दिनों शूटिंग स्टूडियो में लगी थी आग (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai Film Shoting Studios News: फिल्मों की शूटिंग के लिए बनाए गए स्टूडियो में जान जोखिम में डालकर कलाकार से लेकर मजदूर तक रात दिन काम करने के लिये मजबूर हैं। आग लगने या अन्य हादसे के समय सुरक्षा के उपाय नहीं किये जाते हैं।
फ़िल्म सिटी में बहुत से ऐसे सेट हैं, जिनमें फायर और स्ट्रक्चर ऑडिट वर्षों से नहीं हुआ है, जबकि कई बार दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यू आईसीई) ने राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय से कई बार पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है।
फेडरेशन के महासचिव अशोक दुबे ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुंबई के चीफ फायर ऑफिसर (CFO) को कई बार पत्र लिखा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। फेडरेशन की तरफ से मुंबई शहर और उसके पास होने वाली शूटिंग के लिए बनने वाले स्थायी और अस्थायी स्टूडियो के फायर ऑडिट करने और कड़ा कानून लागू करने की मांग की है।
मुंबई और मुंबई के बाहर वसई, विरार, नायगांव में स्थायी व अस्थायी रूप से कई स्टूडियो बनाये गए हैं, जिसमें फिल्म धारावाहिक की शूटिंग चलती रहती है, जिसमें पाया गया है कि अग्नि सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया जाता है। स्टूडियो में शूटिंग के दरम्यान आग लग गई, जिसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है।
स्टूडियो मालिक, अधिकारी की मिलीभगत से नियमों का पालन नहीं किया जाता है, जबकि इसके लिए मापदंड निर्धारित किए गए हैं। स्टूडियो मालिकों द्वारा फायर, स्ट्रक्चरल ऑडिट जैसे मानदंडों का पालन नहीं किया जाता है।
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स्टूडियो में देखा गया है कि दुर्घटना की स्थिति में लोगों को निकालने के लिए आपातकालीन गेट भी नहीं होता। चित्रकूट मैदान, रॉयल पाम स्टूडियो में शूटिंग के उद्देश्य से अस्थायी सेट बनाये गए हैं, जो कि शूटिंग खत्म होने के बाद भी चलते रहते हैं।
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज के महासचिव अशोक रमापति दुबे ने बताया कि सेंट और स्टूडियों में आग लगने से कई मजदूरों की जान चली गई है। सुरक्षा के लिए कोई आपात कालीन निकास भी नहीं होता है। मिलीभगत से स्थायी और अस्थायी रूप से स्टूडियो चल रहे हैं। इनकी जांच व फायर ऑडिट होनी चाहिये, हम इसकी कई बार मांग कर चुके हैं।