
निलेश राणे और रविंद्र चव्हाण (सौ. सोशल मीडिया )
Maharashta Local Body Election: राज्य की नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव में महायुति में टकराव देखा गया था। हालांकि चुनाव का बड़ा हिस्सा बीत जाने के बाद महायुति के घटक दलों का सुर बदल गया है।
सबसे बड़ा बदलाव कोंकण के सिंधुदुर्ग जिले में देखा गया है। यहां चुनाव के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण और शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक निलेश राणे में वार-पलटवार देखा गया था, लेकिन अब दोनों एक-साथ हो गए हैं।
निलेश ने चुनाव के दौरान चव्हाण पर मतदाताओं को पैसे बांटने का आरोप लगाया था। लेकिन अब निलेश का कहना है कि मैं चव्हाण की इज्जत करता हूं और करता रहूंगा। मैं चाहता था कि अलायंस हो लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर मैंने चुनाव में अपना स्टैंड बदला होता, तो वे मुझसे सवाल पूछ सकते थे।
भाजपा भी मेरा परिवार है। मैं खुद को अलग नहीं कर सकता। हालांकि मैंने जो शिकायतें की हैं, उससे पीछे नहीं हटूंगा। चव्हाण ने मेरा साथ दिया है। मुझे विधायक निधि में कोई कमी नहीं होने दी गई। मैंने हर पैसा विकास के लिए निचले स्तर तक पहुंचाया है।
निलेश ने कहा कि मैं अपनी पार्टी का पक्ष रख रहा था और वे अपनी पार्टी का पक्ष रख रहे थे। इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है, हम हिंदुत्व के लिए साथ आए हैं। अब चुनाव खत्म हो गया है। मैं सीएम फडणवीस और रवींद्र चव्हाण से मिलने जाऊंगा। हम कोशिश करेंगे कि भविष्य में हमारी ताकत एक साथ रहे। हम मिलकर लड़ेंगे तो हमें उम्मीद के मुताबिक नतीजे जरूर मिलेंगे, माहौल वैसा नहीं था जैसा खबरों में दिखाया गया।
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इधर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि निकाय चुनाव कार्यकर्ताओं का चुनाव था। कुछ जगहों पर टकराव हुआ, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। महायुति के घटक दल एक साथ है। हमने फैसला किया है कि तीनों दल एक-दूसरे के किसी भी नेता को पार्टी में शामिल नहीं करेंगे, तीनों दलों के गिले-शिकवे भुलाने के लिए नागपुर शीत सत्र के दौरान भोज का आयोजन किया गया है।






