
देवेंद्र फडणवीस और शरद पवार (सौ. सोशल मीडिया )
Maharashtra Local Body Election: महाराष्ट्र में निकाय चुनाव की घोषणा से पहले राकां अध्यक्ष शरद पवार की घेराबंदी की जा रही है। महाराष्ट्र सरकार ने पवार की अध्यक्षता वाले पुणे स्थित वसंतदादा शुगर अनुसंधान संस्थान को दिए गए अनुदानों के इस्तेमाल को लेकर विशेष जांच के निर्देश दिए हैं।
खास बात यह है कि महायुति सरकार में डिप्टी सीएम अजीत पवार के अलावा जयंत पाटिल, बालासाहेब थोरात, विजयसिंह मोहिते-पाटिल और दिलीप वलसे पाटिल इस संस्थान के शासी बोर्ड का हिस्सा हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाली मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक में चीनी आयुक्त के अधीन एक विशेष जांच समिति गठित करने का फैसला किया गया। यह समिति इस बात की जांच करेगी कि संस्थान को आवंटित 5 करोड़ से अधिक के वार्षिक सरकारी अनुदान का उपयोग रिसर्च के अलावा अन्य अपेक्षित काम के लिए किया गया है या नहीं। इसके बाद ही बखेड़ा शुरू हो गया।
संस्थान के खिलाफ जांच की खबर पर बवाल मचने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बात से इनकार किया है कि शरद पवार के नेतृत्व वाले वीएसआई संस्थान के खिलाफ जांच शुरू की गई है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने साफ किया कि किसी औपचारिक जांच का आदेश नहीं दिया गया है। बल्कि इस मुद्दे को गलत तरीके से पेश किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी गन्ना पेराई सत्र की समीक्षा के लिए हाल ही एक बैठक हुई थी। जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि चीनी मिलों द्वारा एकत्रित विभिन्न धनराशि का उपयोग कैसे किया जा रहा है, इसकी जानकारी ली जाए।
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उदाहरण के लिए महाराष्ट्र के सभी गन्ना उत्पादक किसानों से उनके गन्ना बिल में से प्रति टन एक रुपया की कटौती कर यह राशि वीएसआई को दी जाती है। हमने केवल इस बारे में जानकारी मांगी कि उस धनराशि का उपयोग कैसे किया जा रहा है। इसके लिए राज्य के शक्कर आयुक्त को दो महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है।






