कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Vijay Wadettiwar On EVM: महाराष्ट्र में आगामी नगर पालिका चुनावों को लेकर जारी राजनीतिक घमासान के बीच, परिणाम की तारीख को आगे बढ़ाए जाने पर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस के नेताओं ने विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कथित हेरफेर और स्ट्रॉन्ग रूम के प्रबंधन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ईवीएम हैकिंग की आशंका व्यक्त की है।
राज्य में निकाय चुनावों के तहत कुछ नगराध्यक्ष और बहुतांश नगर पालिका के प्रभागीय चुनाव पहले ही स्थगित कर दिए गए थे। इसके अलावा, 2 दिसंबर को हुए मतदान के बाद, मतगणना की तारीख 3 दिसंबर से आगे बढ़ाकर अब 21 दिसंबर कर दी गई है। कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए चुनाव आयोग के खिलाफ अभियोग प्रस्ताव दायर करने की चेतावनी दी है।
अब कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने चुनाव आयोग के इस कदम की मंशा पर सवाल उठाते हुए ईवीएम में संभावित हेरफेर का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने सत्तारूढ़ दल के नेताओं द्वारा 268 में से 175 सीटें जीतने के दावे पर सवाल उठाया और पूछा कि यह आंकड़ा किस आधार पर बोला जा रहा है।
वडेट्टीवार ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि बीजेपी को 175 सीटें मिलती हैं, तो यह साबित हो जाएगा कि उन्होंने बेईमानी करके, ईवीएम हैक करके चुनाव जीते हैं। उन्होंने ईवीएम को लेकर अपनी भूमिका साफ रखने की मांग करते हुए पूछा कि यदि सब कुछ पारदर्शी है तो परिणाम के लिए 20 दिन का इंतजार क्यों करना पड़ रहा है?
वडेट्टीवार ने ईवीएम मशीनों के स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर गड़बड़ी की शिकायत की है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि गड़बड़ी की आशंका वाले स्थानों पर जैमर्स लगाए जाएं, रूम के बाहर बड़ी स्क्रीन लगाई जाए और उम्मीदवारों को लाइव एक्सेस दिया जाए।
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उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग इन मांगों को मानने को तैयार नहीं है, जो इस संदेह को और पुष्ट करता है कि सरकार का लक्ष्य मशीन के आधार पर 175 सीटें जीतना है। उन्होंने सत्तारूढ़ दल के विधायकों पर एक वोट के लिए 20,000 रुपए देने का भी आरोप लगाया, जिसका उल्लेख उन्होंने कामठी में लगे आरोपों के संदर्भ में किया।
वडेट्टीवार ने दावा किया कि सत्ताधारी दल हेरफेर करना चाहता है, इसलिए सरकार इस मामले में अपनी ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दे रही है। इन गंभीर आरोप-प्रत्यारोपों के बीच, सबकी निगाहें अब चुनाव आयोग के अगले कदम और 21 दिसंबर को आने वाले चुनावी नतीजों पर टिक गई हैं।