मनोज जरांगे और लक्ष्मण हाके (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: अपने अनशन-आंदोलनों से महाराष्ट्र की महायुति सरकार को बार-बार अडचनों में डालने वाले मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल अब खुद मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। जरांगे के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ‘प्रवर्तन निदेशालय’ (ईडी) का शिकंजा कसता नजर आ रहा है। ओबीसी आंदोलनकारी लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे ने मनोज जरांगे के खिलाफ ‘ईडी’ जांच की मांग की है। हाके ने आरोप लगाया है कि जरांगे को अनशन आंदोलन के लिए ‘खोके’ अर्थात करोड़ों रुपए मिले हैं।
ओबीसी आंदोलनकारी लक्ष्मण हाके ने कहा कि मराठा आंदोलन के जरिए लोगों को आतंकित करने और ओबीसी पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जरांगे को इसका अध्ययन करना चाहिए। यदि मंत्री रात में आकर मीटिंग कर रहे हैं तो उनका काम क्या है? रात में बंद दरवाजे के पीछे क्या खेल चल रहा है?
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हाके ने कहा कि पवार परिवार के लोग रात में मीटिंग करके जाते हैं और बाद में सारथी के लिए निधि का प्रबंध करने वाले फडणवीस जैसे व्यक्ति को ये लोग गाली देते हैं। तो वहीं ओबीसी आंदोलनकारी नवनाथ वाघमारे ने भी जरांगे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 100 खोके का अपहार (गबन) होने की बात उन्होंने स्वीकार की है। राज्य सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए।
इस दौरान लक्ष्मण हाके ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके मुंह से ओबीसी के हित में कभी भी कोई बात नहीं निकलती। हमने ओबीसी से जुड़े वास्तविक सवाल पूछे। ऐसा कहते हुए हाके ने कहा कि धनगरों के लिए एसटी आरक्षण को लेकर जीआर जारी करने का अधिकार मुख्यमंत्री को नहीं है, यह अधिकार संसद का है। मुख्यमंत्री संविधान के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आप कहते हैं कि ओबीसी आरक्षण कोई झटका नहीं लगेगा, जबकि जरांगे कहते हैं कि हमने आरक्षण ले लिया है, कौन सच कह रहा है?
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हाके ने इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख्या शरद पवार को भी नहीं बख्शा। उन्होंने पवार और उद्धव को चेताते हुए कहा कि उद्धव सहित जो भी लोग हमारे आरक्षण के बारे में बोलने से कतरा रहे हैं, हम चुनाव में उनका बहिष्कार करने जा रहे हैं। ओबीसी समाज ओबीसी उम्मीदवार को ही वोट देगा। हम उन लोगों में चुनाव में हराएंगे। इसकी शुरुआत घनसावंगी से करेंगे।
वहीं दूसरी ओर मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा समाज और उनके सगे-सोयरे को ओबीसी कोटे से संपूर्ण आरक्षण की मांग को लेकर अंतरवाली-सराटी में 6वीं बार अनशन शुरू किया है। शनिवार को उनके अनशन का पांचवां दिन था। इस दौरान अनशन के कारण मनोज जरांगे की तबीयत खराब होने लगी। वह चलने में असमर्थ हो गए।
मंत्री शंभूराज देसाई ने देर रात के समय फोन पर विनती की, जिसके बाद मनोज जरांगे ने डॉक्टरों से सलाइन लगवाने को तैयार हुए। दूसरी तरफ मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण, हैदराबाद, बॉम्बे और सातारा गजट लागू करने की जरांगे की मांग के समर्थन में शनिवार को धाराशिव-बीड बंद का आयोजन किया गया। मराठा संगठनों के आव्हान पर आयोजित बंद को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिला।