अजित पवार लाडकी बहिन योजना स्कैम (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: लाडली बहन योजना में कई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं और बड़ी संख्या में अपात्र महिलाओं को भी इसका लाभ मिल रहा है। इस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्वीकार किया कि योजना में कई गलतियां हुई हैं और सभी को समान रूप से लाभ देना गलत था। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब आवेदन पत्रों की जांच शुरू हो चुकी है और आगे से केवल पात्र और जरूरतमंद महिलाओं को ही लाभ दिया जाएगा।
वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे पवार ने बारामती में कहा हमने सभी महिला आवेदकों को वित्तीय लाभ देकर गलती की। हमारे पास आवेदनों की जांच करने और अयोग्य लोगों की पहचान करने के लिए बहुत कम समय था। उस समय, दो से तीन महीने में चुनावों की घोषणा होनी थी।
हालांकि, उन्होंने कहा कि महिलाओं के बैंक खातों में जमा धनराशि वापस नहीं ली जाएगी। पवार ने कहा, “जब इस योजना की शुरुआत की गई थी, तो सरकार ने अपील की थी कि केवल पात्र महिलाएं ही आवेदन करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी जांच की जा रही है। केवल जरूरतमंद महिलाओं को ही मासिक सहायता राशि मिलेगी।”
इस अवसर पर अजित ने पुणे के जेल पुलिस महानिरीक्षक जालिंदर सुपेकर द्वारा हगवणे बंधुओं को दिए गए शस्त्र लाइसेंस के मुद्दे पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पुणे शहर में किस-किस को इस प्रकार के शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए हैं, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि जब वे बीड जिले के पालक मंत्री थे, तब ऐसी ही शिकायतें सामने आई थीं। वहां के एसपी ने पुनः समीक्षा कर कई लोगों के शस्त्र लाइसेंस रद्द किए थे।
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अजित ने कहा कि हम 2020 से 2023 तक किसे-किसे लाइसेंस जारी किए गए, इसकी जांच करेंगे और उनकी पृष्ठभूमि भी देखी जाएगी। जिनको वास्तव में जरूरत है, केवल उन्हें ही लाइसेंस रखने की अनुमति होगी। जैसे शस्त्र लाइसेंस देने का अधिकार होता है, वैसे ही उसे रद्द करने का भी अधिकार है।
इसी मुद्दे पर शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने अजित से इस्तीफे की मांग की है। अजित की ओर से हुई स्वीकारोक्ति पर राउत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर अजित कह रहे हैं कि लाडली बहन योजना में अपात्र महिलाओं को लाभ मिला है, तो उन्हें प्रायश्चित्त के तौर पर इस्तीफा देना चाहिए।
यह घोटाला वित्त विभाग के माध्यम से हुआ है। इस राज्य की जनता का पैसा किसने लूटा? लाडली बहनों ने नहीं, बल्कि लाडले भाइयों ने नाम बदलकर यह लाभ उठाया है। सैकड़ों करोड़ों का फायदा सरकारी कर्मचारियों ने लिया। आपने उस वक्त छानबीन नहीं की, क्योंकि आपको वोट चाहिए थे। ये सारी लूट वित्त विभाग के माध्यम से हुई है।