
सवेतन पीरियड लीव (सौ. सोशल मीडिया )
Menstrual Leave In Maharashtra: कर्नाटक सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। वहां की सरकारी, निजी, आईटी, वस्त्र उद्योग और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को अब मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान सवेतन छुट्टी लेने का अधिकार मिल गया है।
इस नई नीति के अनुसार, महिलाओं को हर साल 12 दिन की ‘मासिक धर्म छुट्टी’ मिल सकेगी। इस निर्णय से कर्नाटक ऐसा व्यापक नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। वहीं महाराष्ट्र में यह विषय अभी भी चर्चा के स्तर पर ही है।
महा विकास आघाड़ी सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हर महीने दो दिन की सवेतन मासिक धर्म छुट्टी देने का वादा किया था, लेकिन इस पर अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। वर्तमान में ओडिशा और बिहार में सरकारी महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म के दौरान छुट्टी दी जाती है।
केरल में भी विश्वविद्यालयों की महिला कर्मचारियों को ऐसी सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, महाराष्ट्र की महिलाओं को उम्मीद है कि राज्य सरकार भी इस तरह की नीति लागू करेगी। महाराष्ट्र आर्थिक रूप से देश का सबसे समृद्ध राज्य है, लेकिन महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कर्नाटक की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार को भी यह निर्णय लेना चाहिए यही महिलाओं की सामान्य अपेक्षा है।
ये भी पढ़ें :- Pune: गड्ढों से मौत पर बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, मिलेगा 6 लाख मुआवजा
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को तकलीफ होती है, यह सच है। लेकिन कार्यस्थल पर इस तरह की छुट्टी लागू होने से यह घारणा बन सकती है कि महिलाएं कमजोर हैं। इस वजह से कई महिलाए ही इस छुट्टी के पक्ष में नहीं है। जब हमने इस विषय पर चर्चा का निर्णय लिया, तो हमें कई मेल प्राप्त हुए, जिनमें कई सामाजिक संस्थाओं ने विरोध जताया। इन विरोधों में महिलाओं की संख्या अधिक थी। फिर भी, हम इस विषय पर एक नया संवाद आयोजित करेंगे।
-रुपाली चाकणकर, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग






