राकेश वधावन (सोर्स: सोशल मीडिया)
HDIL Bank Fraud Case: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) के प्रमोटर्स राकेश वधावन, सारंग वधावन और अन्य के खिलाफ चल रहे केस में ‘सी समरी’ रिपोर्ट दाखिल की है। यह मामला अवैध बिक्री से जुड़ा है, वधावन बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने कॉमर्शियल टॉवर ‘कालेडोनिया’ की ऑफिस इकाइयों को अवैध रूप से बेच दिया था।
हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) के प्रमोटरों और अन्य के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट के बाद, शिकायतकर्ता मैक स्टार मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुमित साहा ने दावा किया है कि जांच को प्रभावित किया गया।
इसे “प्रेरित क्लोजर रिपोर्ट” करार देते हुए उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सहित विभिन्न केंद्रीय और महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को हस्तक्षेप की मांग करते हुए पत्र लिखा है।
बता दें कि यह मामला एचडीआईएल प्रमोटरों द्वारा राजनेताओं और अन्य लोगों को भारी छूट पर प्रीमियम कालेडोनिया टॉवर में वाणिज्यिक इकाइयों की अनधिकृत बिक्री से जुड़ा है। मामले में HDIL प्रमोटर्स पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया, जिसमें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप शामिल है। इससे पहले CBI ने भी Yes बैंक मामले में HDIL प्रमोटर्स के खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिसके बाद ED ने जांच शुरू कीद्ध
शिकायत के अनुसार कुछ लेन-देन कथित तौर पर केवल कागजों पर ही किए गए, जबकि अन्य मामलों में, 35-40 करोड़ रुपये की इकाइयों को डीई शॉ फंड या मैक स्टार मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड की जानकारी के बिना ट्रांसफर कर दिया गया। कुछ में 95% तक की छूट भी दी गई।
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केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को लिखे अपने पत्र में साहा ने दावा किया कि ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट प्रभावित थी, क्योंकि मामला पूर्व मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों सहित प्रभावशाली राजनेताओं के रिश्तेदारों से जुड़ा हुआ है।