
देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-IANS)
Mumbai News: फडणवीस सरकार ने अब मछुआरों को भी किसानों की तर्ज पर बिजली बिल में रियायत देने का निर्णय लिया है. मंत्री नितेश राणे की मांग पर सरकार ने यह फैसला जारी किया है. मछली पकड़ने के व्यवसाय को कृषि का दर्जा दिए जाने के बाद से बिजली में रियायत लागू की गई है. सरकार के फैसले के अनुसार, यह रियायत मछुआरों, मछली प्रजनकों, मछली व्यापारियों और मछली किसानों पर लागू होगी. रियायत का लाभ उठाने के लिए, परियोजना का एनएफडीबी के तहत पंजीकरण होना आवश्यक है. इसलिए, मछुआरों को बिजली रियायत का लाभ उठाने के लिए तुरंत पंजीकरण कराना होगा.
सरकार की बिजली रियायत मछुआरों, मछली किसानों, मछली उत्पादकों, मछली प्रबंधन, मछली बीज प्रजनकों, मछली नाव संरक्षण संस्थाओं और पोस्ट हार्वेस्टिंग में वर्गीकरण, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और भंडारण में शामिल संस्थाओं को उपलब्ध होगी. सरकार इन संस्थाओं को कृषि शुल्क के अनुसार बिजली शुल्क में रियायत लागू करने के मामले पर विचार कर रही थी.
बिजली दर रियायत के लाभार्थी को संबंधित जिला स्तर पर सहायक आयुक्त (मत्स्य) के समक्ष स्व-प्रमाणन हेतु आवेदन प्रस्तुत करना होगा. मत्स्य पालन परियोजना को एनएफडीबी के अंतर्गत पंजीकृत कराना होगा. परिसमापन में चली गई परियोजनाएं इस बिजली रियायत के लिए पात्र नहीं होंगी.
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सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि यह पाया जाता है कि इस योजना के अंतर्गत रियायत पर दी गई बिजली का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो पूर्व में दी गई रियायत की राशि दंडात्मक ब्याज सहित वसूल की जाएगी. इसके लिए संबंधित मत्स्य विभाग से गारंटी पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा.






