ई-बाइक लोगों की पहली पसंद (pic credit; social media)
E-bike First choice of people: महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाहनों (ई-वाहन) की मांग लगातार बढ़ रही है और लोग दोपहिया ई-वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। बीते चार वर्षों में राज्य में कुल 7,72,123 ई-वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इनमें से 6,36,000 वाहन केवल दोपहिया हैं, जो कुल का लगभग 80 प्रतिशत से अधिक है। आंकड़े स्पष्ट रूप से यह दर्शाते हैं कि नागरिकों की पहली पसंद इलेक्ट्रिक स्कूटर और ई-बाइक ही हैं।
राज्य सरकार ने 2022 में पहली ई-वाहन नीति लागू की थी, जिसके तहत ई-वाहन खरीद पर सब्सिडी और आरटीओ रजिस्ट्रेशन शुल्क में राहत दी गई। इस नीति के परिणामस्वरूप ई-वाहनों का रजिस्ट्रेशन लगातार बढ़ा। 2021-22 में कुल रजिस्ट्रेशन में सिर्फ 2.8 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक थे, जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 8.34 प्रतिशत और 2025-26 में अब तक 8.67 प्रतिशत हो गया है।
मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे महानगरों में बढ़ते ट्रैफिक और पार्किंग की कमी ने भी नागरिकों को ई-वाहन अपनाने के लिए प्रेरित किया है। यानि समय की बचत, प्रदूषण में कमी और आर्थिक छूट लोगों के ई-वाहन चुनने के मुख्य कारण बन गए हैं।
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हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों की अधिक कीमत और बैटरी रेंज, चार्जिंग समय और तकनीकी बदलाव जैसी चुनौतियां अभी भी बड़ी बाधा हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ई-वाहन की बढ़ती मांग के बावजूद कई लोग इन समस्याओं के कारण अभी खरीदारी से दूर हैं।
नई नीति (2025-30) के तहत अलग-अलग वाहन प्रकारों पर सब्सिडी दी जा रही है। दोपहिया वाहनों पर 10 प्रतिशत की छूट, 30,000 से 1,81,470 रुपए तक की राशि दी गई है। स्कूटर, रिक्शा और निजी कारों पर भी छूट दी गई है, जिससे खरीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस नीति और सुविधाओं की वजह से राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता, बैटरी स्वैपिंग सुविधा और आर्थिक राहत के कारण लोग पेट्रोल या डीज़ल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक दोपहिया को पसंद कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि भविष्य में ई-वाहन इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करना जरूरी है। यह कदम महाराष्ट्र में प्रदूषण नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और शहरी मोबिलिटी के लिए निर्णायक साबित होगा।