धारावी स्लम (सोर्स: सोशल मीडिया)
Dharavi Rehabilitation Controversy: सभी पात्र और अपात्र धारावीकरों का पुनर्वास धारावी में ही होना चाहिए और उन्हें 550 वर्ग फुट के मकान मिलने चाहिए। यह अवास्तविक मांग है। इस पर सवाल उठता है कि बाबुराव माने के सामने धारावीवासियों का भला है या वे प्रोजेक्ट को रोककर उनके नुकसान का कारण बनना चाहते हैं। ऐसा आरोप यूनाइटेड रिपब्लिकन पार्टी (यूआरपी) के अध्यक्ष तानसेन ननावरे ने लगाया है।
ननावरे ने कहा कि बाबुराव माने को कोली और कुंभार समाज के उद्योग-व्यवसायों की चिंता है, लेकिन उन्होंने अपने ही चर्मकार बंधुओं के लिए क्या किया यह बताना चाहिए। कुछ साल पहले तक धारावी का चर्मकार उद्योग पूरी तरह से मराठी भाषी चर्मकारों के हाथ में था, लेकिन अब यह व्यवसाय अन्य लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है।
मराठी चर्मकारों के हित के लिए बाबुराव माने ने क्या किया। प्रोजेक्ट की निविदा की शर्तों के अनुसार, 1 जनवरी 2000 से पहले निर्मित सभी आवासीय फ्लैट धारकों को 350 वर्ग फुट के मकान मिलेंगे, जो मुंबई में किसी भी अन्य झुग्गी पुनर्वास योजना में उपलब्ध कराए गए मकानों से 17% बड़े होंगे।
यूआरपी नेता ने कहा कि बाबूराव माने के नेता उद्धव बालासाहेब ठाकरे हमेशा वरिष्ठ नेता शरद पवार के मार्गदर्शन में रहते हैं। इसलिए उन्हें अपनी मांगें उद्धव ठाकरे के माध्यम से उन तक पहुंचानी चाहिए। चूंकि शरद पवार और प्रसिद्ध उद्योगपति अदाणी के स्नेहपूर्ण संबंध हैं, इसलिए शरद पवार माने की मांगों को निश्चित रूप से अदाणी तक पहुंचाएंगे।
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इसके अलावा, हमें संदेह है कि धारावी पुनर्वास प्रोजेक्ट के खिलाफ हो रहे आंदोलन के पीछे किसी बड़े उद्योग समूह का हाथ है। इस साजिश की गहन जांच करके महाराष्ट्र सरकार को इसका पर्दाफाश करना चाहिए। हम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और गौतम अदाणी से अनुरोध करते हैं कि वे प्रोजेक्ट को गति दें और धारावी वासियों को उनके न्यायसंगत अधिकार के मकान जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं।