अनुसूचित जनजाति के लिए एक स्वतंत्र आयोग गठित (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य में अनुसूचित जनजातियों के लिए एक अलग आयोग की स्थापना को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार के पास अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए दो अलग-अलग आयोग हैं, जो अलग-अलग मुद्दों से निपटते हैं।
इसमें कहा गया है कि दो अलग-अलग आयोग (राज्य में भी) होना जरूरी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि दोनों आयोग स्वतंत्र रूप से काम करेंगे। मंत्रिमंडल ने दोनों निकायों को संवैधानिक दर्जा देने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। महाराष्ट्र ने 51वीं आदिवासी सलाहकार समिति में आदिवासियों के लिए एक स्वतंत्र आयोग के गठन की सिफारिश की थी। इस आयोग की संरचना महाराष्ट्र अनुसूचित जाति आयोग के समान होगी, जिसमें एक अध्यक्ष और चार गैर-सरकारी सदस्य हैं। अनुसूचित जनजाति आयोग के लिए कुल 26 नए पद सृजित किए जाएंगे।
आज मंत्रिमंडल की बैठक में नासिक जिले में प्रस्तावित राज्य श्रमिक बीमा अस्पताल के लिए सिन्नर, बिबवेवाड़ी (पुणे), अहिल्यानगर, सांगली, अमरावती, बल्लारपुर (चंद्रपुर), बारामती (पुणे), सातारा और पनवेल (रायगढ़) में सरकारी भूमि उपलब्ध कराने को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने छत्रपति संभाजीनगर में राज्य श्रमिक बीमा योजना अस्पताल के लिए 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया।
Maha cabinet clears formation of State Scheduled Tribes Commission
· The Maharashtra Cabinet, chaired by Chief Minister Devendra Fadnavis, on Tuesday gave its approval for the establishment of the state’s Scheduled Tribes Commission
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— IANS (@ians_india) June 3, 2025
इस आयोग की संरचना राज्य अनुसूचित जाति आयोग की तरह होगी, जिसमें एक अध्यक्ष और चार गैर-सरकारी सदस्य होंगे। आयोग के लिए 26 नए पद सृजित किए जाएंगे। मंत्रिमंडल ने इन पदों के लिए 4.20 करोड़ रुपये के प्रावधान को मंजूरी दी है। साथ ही आयोग के सदस्यों के वेतन, भत्ते और आकस्मिक व्यय के लिए कार्यालय स्थान, फर्नीचर, बिजली, टेलीफोन, किराये के आधार पर ईंधन आदि के लिए भी प्रावधान किया है। इस बीच, अनुसूचित जाति आयोग स्वतंत्र रूप से भी काम करेगा। मंत्रिमंडल ने इन दोनों आयोगों को वैधानिक दर्जा देने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और आने वाले दिनों में इसके लिए कार्रवाई की जाएगी।
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छत्रपति संभाजीनगर शहर में औद्योगिक विस्तार और बढ़ते श्रमिक वर्ग की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम का 200 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित किया जाएगा। इसके लिए मौजे करोडी में 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने को मंजूरी दी गई। शहर में शेंद्रा, बिडकिन, डीएमआईसी वालुज, चिकलथाना, रेलवे स्टेशन जैसे औद्योगिक एस्टेट के कारण श्रमिक वर्ग की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसलिए चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया।