प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Dahisar Became Drug Hotspot: देश की आर्थिक राजधानी में नशे, गांजे और जुए की गिरफ्त में आने वाले युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
इस चिंताजनक स्थिति के बीच दहिसर के एमएचबी पुलिस स्टेशन क्षेत्र का गणपत पाटिल नगर इन दिनों ड्रग्स, गांजा और जुए के अवैध कारोबार का बड़ा केंद्र बनता दिख रहा है।
स्थिति इतनी भयावह है कि इसकी चपेट में किशोर और नाबालिग बच्चे भी आ रहे है, और यह सब स्थानीय पुलिस प्रशासन को नाक के नीचे खुलेआम फल-फूल रहा है। गणपत पाटिल नगर मुख्यतः झुग्गी-झोपड़ी वाला इलाका है, जिसकी आबादी 25 हजार से अधिक है।
स्थानीय लोगों के अनुसार हर हजार घरों के बीच एक न एक नशे का धंधा करने वाला माफिया सक्रिय है। उसी इलाके में कई जुए के अड्डे भी खुले हुए हैं, जहां स्कूली बच्चों को भी जुए की लत लगाने का आरोप लगाया जा रहा है।
स्थानीय समाजसेवकों का कहना है कि माफियाओं के खौफ से कोई खुलकर शिकायत नहीं करता, जिन लोगों ने हिम्मत कर शिकायत की, उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस शिकायतकर्ता का नाम माफियाओं तक पहुंचा देती है, फिर पहले लालच दिया जाता है, और ना मानने पर धमकी देते हैं।
एमएचबी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक हरीश गवली ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि इस विषय को लेकर फोन न किया जाए, वहीं पुलिस के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अब तक 13 ड्रग्स/गांजा विक्रेता पकड़े गए हैं।
48 नशा करने वालों पर कार्रवाई की गई है। 5 जुए के अड्डों पर छापे मारे गए हैं। लेकिन पुलिस यह बताने से बचती नजर आई कि इनमें से कितनी कार्रवाई गणपत पाटिल नगर में हुई। यही बात स्थानीय लोगों के संदेह को और गहरा कर रही है।
गणपत पाटिल नगर के लोगों में डर और गुस्सा दोनों है उनकी मांग है कि नशे और जुए के अड्डों को पूरी तरह खत्म किया जाए, पुलिस की जवाबदेही तय हो, शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, तेजी से बिगड़ते हालात बताते हैं कि यदि समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो गणपत पाटिल नगर में बढ़ता यह अपराध जाल दहिसर समेत पूरे उत्तर मुंबई के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।
कार्रवाई लगातार चल सही है। यदि किसी को हग्र, गांजा या जुए के धंधे की जानकारी हो, तो पुलिस को बताए, हम शिकायतकर्ता का नाम पूरी तरह गुप्त रखेंगे और कानूनी कार्रवाई करेंगे,
-संदीप जाधव, डीसीपी जोन 11
सही तरीके से करे, तो यदि पुलिस अपना काम किसी मंदिर से चप्पल तक चोरी नहीं हो सकती। फिर इतने बड़े पैमाने पर ड्रग्स और जुए के अहे कैसे फल-फूल रहे है? यह पुलिस की जानकारी के बिना संभव नहीं है। इस मामले की जांच सीबीआई या किसी बाहरी एजेंसी करे।
-आशिष आदिक नलावडे, स्थानीय एडवोकेट
ये भी पढ़ें :- भाषा विवाद में अर्नव की मौत पर BJP का वार, ठाकरे बंधुओं पर दोहरे व्यवहार का आरोप
इस क्षेत्र में ड्रग्स की वजह से अब तक तीन हत्याएं हो चुकी हैं। स्थानीय विधायक मनीषा चौधरी का कहना है कि मेरी शिकायत के बाद पुलिस ने कई ड्रग्स माफियाओं पर कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन अब कारोबार फिर से पनप रहा है।
मैंने डीसीपी से कहा है कि ड्रग्स और गांजे के धंधे पर कड़ी कार्रवाई करें। दहिसर को हम ड्रग्स मुक्त बनाकर रहेंगे। उनके अनुसार ड्रग्स सप्लाई के तार बांद्रा जैसे इलाकों से जुड़े हुए हैं।