सदन में चर्चा का विषय बना गौहत्या बंदी कानून। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने राज्य में गौहत्या बंदी कानून का सख्ती से पालन की मांग उठाई। प्वॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत मुद्दा रखते हुए उन्होंने कहा कि गौहत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। नागपुर में गौहत्या और अवैध गौमांस तस्करी की बढ़ती घटनाओं को लेकर उन्होंने सरकार को घेरा और दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने कहा कि हर दिन 20 से 30 गायों को काटा जा रहा है। कुछ दिन पहले एक इलाके में सड़कों पर गौमांस पाया गया था। बजरंग दल के कार्यकर्ता गौहत्या का खुलासा करते रहते हैं लेकिन कानून का सख्ती से पालन न होने के कारण गौ हत्यारों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती। विधायक दटके ने कहा कि ये घटनाएं महाराष्ट्र में गौहत्या विरोधी कानून के बावजूद हो रही हैं, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर अवैध गौमांस तस्करों और हत्यारों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? उन्होंने मांग की कि गौहत्या बंदी कानून को सख्ती से लागू किया जाए। गौहत्या और तस्करी में लिप्त लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाए। गौशालाओं की सुरक्षा बढ़ाई जाए और गौरक्षा समितियों को सशक्त किया जाए। गौ तस्करी रोकने के लिए विशेष पुलिस बल का गठन किया जाए।
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विधायक दटके ने 3 प्रमुख घटनाओं के बारे में बताते हुए कहा, हृदय विदारक पहली घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 8 फरवरी 2025 को गुजरवाड़ी परशुराम मंदिर (मध्य नागपुर) के पास 15 गौ-माताओं को जिंदा जलाने की घटना घटी। दूसरी वारदात 22 फरवरी 2025 को बेसा पॉवर हाउस के पास स्थित लकी चिकन सेंटर (दक्षिण नागपुर) में 15 बोरियों में गौमांस बरामद हुआ था। इसके अलावा, 4 गर्भवती नंदियों के अवशेष भी पाए गए थे। इस मामले में सक्करदरा पुलिस थाना के अंतर्गत जांच चल रही है। तीसरी घटना 4 मार्च 2025 को ताजबाग के पास स्थित सूतगिरणी परिसर (सक्करदरा क्षेत्र) में 20 गौ-माताओं के अवशेष मिलने की घटना सामने आई। यह मामला भी सक्करदरा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया।
विधायक दटके ने यह भी कहा कि हिंदू आस्था से जुड़ी गौमाता की हत्या न केवल धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाती है बल्कि यह एक गंभीर अपराध भी है। उन्होंने सरकार से स्पष्ट जवाब मांगते हुए कहा कि अगर जल्द ही कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो जनता के बीच आक्रोश बढ़ सकता है। गौहत्या की बढ़ती घटनाओं से हिंदू संगठनों और समाज के विभिन्न वर्गों में रोष व्याप्त है। कई संगठनों ने अवैध बूचड़खानों और तस्करों पर कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा, गौशालाओं को सरकारी सहायता देने और गौरक्षा के लिए प्रभावी नीति बनाने की भी जरूरत बताई गई।