राम कदम और रेवंत रेड्डी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी के बयान ‘कितने राफेल नष्ट किए गए?’ पर बीजेपी विधायक राम कदम ने तीखा जवाब दिया। बीजेपी नेता राम कदम ने कहा, “यह एक ऐसा सवाल है जो हमारे सुरक्षा बलों को संदेह के घेरे में लाता है। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सारी जानकारी हमारे सेना के अधिकारियों ने दी है।”
राम कदम ने रेड्डी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के इतने दिनों के बाद सवाल उठाना कही-न-कही पाकिस्तान से रिश्वत लेकर उनका प्रवक्ता बनने की कोशिश है, जो नहीं करना चाहिए।” इतना ही नहीं उन्होंने रेड्डी को चाटुकारिता से लिप्त भी बताया।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयान पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, “यह इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि कांग्रेस के नेता गांधी परिवार की चाटुकारिता में कैसे लिप्त हैं। भले ही वे जिम्मेदार पदों पर हों, लेकिन उनकी ओर से कोई सार्थक या जिम्मेदाराना बयान नहीं आता। इसके बजाय, वे अपनी अंध निष्ठा में सभी सीमाएं लांघ रहे हैं।
Mumbai, Maharashtra: On Telangana Chief Minister Revanth Reddy’s statement, BJP MLA Ram Kadam says, “This is a clear example of how Congress leaders indulge in sycophancy towards the Gandhi family. Even though they hold responsible positions, no meaningful or responsible… pic.twitter.com/eie2GUbrwI — IANS (@ians_india) May 30, 2025
हमारे बहादुर सशस्त्र बलों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाना और उन पर संदेह जताना, यही कांग्रेस नेताओं का मुख्य काम बन गया है। 2008 में जब मुंबई में हमला हुआ, तब राहुल गांधी क्या कर रहे थे? उस समय उनकी सरकार थी। शायद मुख्यमंत्री की याददाश्त कमजोर है, इसलिए ऐसे बचकाने और अपरिपक्व बयान दिए जा रहे हैं।”
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हाल ही में रेवंत रेड्डी ने पहलगाम मामले पर कहा था कि अगर इस समय राहुल गांधी होते तो वे अलग तरीके से इसे संभालते। उन्होंने कहा था कि अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री होते तो वह पीओके को वापस ले आते। उन्होंने कहा था कि मोदी प्रतिबंधित 1,000 रुपये के नोट की तरह हैं। हमें राहुल गांधी जैसे नेताओं की जरूरत है। मोदी हमारे लिए कभी युद्ध नहीं जीत सकते। केवल प्रधानमंत्री के रूप में राहुल गांधी ही ऐसा कर सकते हैं।
सामना पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, “हम सामना को गंभीरता से नहीं लेते। बल्कि, उनके अपने लोग भी सामना को गंभीरता से नहीं लेते। इसलिए उनके 90% सदस्य एकनाथ शिंदे से जुड़ गए हैं। और इसके पीछे कारण सामना ही है और इसके लिए लिखने वाले लोग हैं।”