संजय राउत और अजित पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने 20 मई को मंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में दोबारा सत्ता में आई महायुति सरकार के मंत्रिमंडल में पहले छगन भुजबल को नजरअंदाज किया गया था। इसके बाद भुजबल ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
इतना ही नहीं, उन्होंने उपमुख्यमंत्री अजित पवार, सांसद सुनील तटकरे और सांसद प्रफुल पटेल पर भी आलोचना की थी। साथ ही उन्होंने पार्टी छोड़ने के भी संकेत दिए थे। लेकिन अंततः छगन भुजबल को मंत्री पद देकर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। इसी बीच, अब छगन भुजबल के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने एक बड़ा दावा किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने उपमुख्यमंत्री अजित को बिना बताए भुजबल को मंत्री बनाया है। संजय राउत के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। संजय राउत ने आगे कहा कि भाजपा द्वारा अजित का अपमान जारी है। यानी अजित पवार को बिना पूछे, उनके ही पार्टी के नेता भुजबल को भाजपा ने मंत्री बना दिया। इसलिए अब अजित को नींद भी नहीं आती होगी।
संजय राउत ने दावा करते हुए कहा जिस पार्टी के वो प्रमुख हैं, उसी पार्टी के एक नेता को (भुजबल) को दिल्ली से आदेश आने पर मंत्री बनाया गया। अब ऐसे में क्या किया जा सकता है? कल को एकनाथ शिंदे की पार्टी के नेताओं के बारे में भी दिल्ली से आदेश आएंगे, कुछ लोग उस दिशा में प्रयास भी कर रहे हैं।
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सांसद राउत ने एनसीपी-एसपी की सांसद सुप्रिया सुले पर भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि “सत्ता की प्यास भले ही लगी हो, लेकिन कोई नाली का पानी नहीं पीता”, ऐसी सलाह उन्होंने सांसद सुले को दिया है। बीते कुछ दिनों से ऐसी चर्चा चल रही है कि शरद पवार की पार्टी के कुछ नेता भाजपा में जा सकते हैं।