सीबीआई का पासपोर्ट ऑफिस पर छापा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: एसीबी ने राज्य में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाकर रिश्वत लेने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। अभी 2 दिन पहले ही छत्रपति संभाजीनगर में रेजिडेंट डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और उन्हें 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। वहीं रत्नागिरी जिले में राजस्व विभाग के 3 लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है और मामला दर्ज किया गया है।
एसीबी ने जहां राज्य में भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसी है, वहीं सीबीआई ने भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर नकेल कसी है। सीबीआई ने रिश्वतखोरों को करारा झटका देते हुए मुंबई के लोअर परेल स्थित पासपोर्ट कार्यालय के एक अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत लोअर परेल स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र (पासपोर्ट कार्यालय) के एक कार्यालय सहायक और एक दलाल को गिरफ्तार किया है। इन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है।
आरोपियों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई पासपोर्ट बनाने का आरोप है। साथ ही सीबीआई को 7 फर्जी पासपोर्ट आवेदन भी मिले हैं। फिलहाल इनका सत्यापन चल रहा है। गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम जूनियर पासपोर्ट सहायक अक्षय कुमार मीना और दलाल भावेश शांतिलाल शाह हैं।
मीना जूनियर पासपोर्ट असिस्टेंट है और लोअर परेल स्थित पासपोर्ट असिस्टेंट सेंटर में वेरिफिकेशन ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। सीबीआई ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। शिकायत के अनुसार, 2023-24 के दौरान मीना और शाह ने एक निजी पार्टी हासिल करने की साजिश रची। दोनों पर पासपोर्ट बनवाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है।
सीबीआई ने मामले की आगे जांच की। उस समय उन्हें अहम जानकारियां मिलीं। आरोपियों को मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया है और उन्हें 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। अब अदालत के आदेश के अनुसार दोनों 2 जून 2025 तक पुलिस हिरासत में रहेंगे। सीबीआई मामले की आगे जांच कर रही है।
पुलिस विभाग में आम आदमी से लगातार पैसे मांगे जा रहे हैं, हर काम के लिए पैसे देने पड़ते हैं, यह रोना रोया जा रहा है। गौरतलब है कि कल छत्रपति संभाजीनगर में एक निवासी उप जिला मजिस्ट्रेट को एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इस सज्जन ने 41 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 23 लाख रुपये उनके पास पहुंच चुके थे। आखिरकार उप जिला मजिस्ट्रेट को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।