वैष्णवी हगावने आत्महत्या केस (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: वैष्णवी की आत्महत्या ने पूरे महाराष्ट्र को झकझोर कर रखा है। ससुराल वालों द्वारा दी गई शारीरिक और मानसिक यातनाओं से तंग आकर वैष्णवी ने 16 मई को भुकुम में फांसी लगा ली थी। वैष्णवी हगावने आत्महत्या मामले में 2 बड़ी अपडेट सामने आ रही हैं। पहले में फरार आरोपी नीलेश चव्हाण की संपत्ति जब्त होने की संभावना है। पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने उसके खिलाफ ‘स्टँडिंग वॉरंट’ जारी किया है। अदालत ने यह सख्त आदेश इसलिए जारी किया है क्योंकि पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद नीलेश चव्हाण नहीं मिल पाया है।
पिंपरी-चिंचवाड़ के पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ ने कहा कि “आरोपी नीलेश चव्हाण लंबे समय से फरार है। न्यायालय के आदेशानुसार उसके खिलाफ ‘स्टँडिंग वॉरंट’ जारी किया गया है तथा उद्घोषणा एवं जब्ती की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होगी।”
जब कोई आरोपी जानबूझकर अपनी पहचान छिपाता है और फरार रहता है, जिससे उसे कोर्ट में पेश करना मुश्किल हो जाता है, तो कोर्ट ‘स्टँडिंग वॉरंट’ जारी करता है। यह वारंट प्राप्त करने के बाद पुलिस आरोपी के घर और संपत्ति की तलाशी लेती है और वहां सार्वजनिक घोषणा करती है। अगर आरोपी फिर भी कोर्ट में सरेंडर नहीं करता है, तो उसकी अचल (जमीन, मकान) और चल (वाहन, कीमती सामान) संपत्तियों पर जब्ती की कार्रवाई की जाती है।
जांच में पता चला है कि फरार चल रहा नीलेश चव्हाण वैष्णवी अपहरण कांड में सह-आरोपी है। इसीलिए पुलिस ने कोर्ट में अर्जी देकर स्थायी वारंट मांगा था, जो मंजूर हो गया है। अब से पुलिस मुनादी करवाएगी, संपत्ति की सूची तैयार करेगी और जब्ती की प्रक्रिया शुरू करेगी। इससे नीलेश चव्हाण पर कानूनी दबाव बढ़ेगा और उसके जल्द से जल्द पेश होने की संभावना है।
तो वहीं दूसरी बड़ी अपडेट यह है कि वैष्णवी हगावणे आत्महत्या मामले की जांच और अदालती लड़ाई अब निर्णायक दौर में पहुंच रही है। इस संवेदनशील मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने आर.आर. कावेड़िया को सरकारी वकील नियुक्त किया है। यह नियुक्ति राज्य सरकार की ओर से की गई है और इसके लिए कस्पटे परिवार ने सरकार का आभार जताया है।
कस्पटे परिवार ने राज्य सरकार से मांग की थी, “हमें एक अनुभवी सरकारी वकील की जरूरत है जो इस अपराध की संवेदनशीलता को समझ सके और सक्षम दलील दे सके ताकि आरोपियों को कानूनी तौर पर सजा मिल सके।” इस मांग का संज्ञान लेते हुए गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशानुसार आर.आर. कावेड़िया को नियुक्त किया गया। कावेड़िया एक वरिष्ठ वकील हैं, जिन्होंने कई आपराधिक और गंभीर मामलों की सफलतापूर्वक पैरवी की है और उन्हें आपराधिक कानून का विशेष अनुभव है। इसलिए उम्मीद है कि इस मामले में सरकारी पक्ष अधिक सक्षमता से पेश किया जाएगा।