मुंबई नौसेना बेस से हथियार चोरी का मामला (pic credit; social media)
Weapons Theft Case from Mumbai Navy Base: मुंबई के नेवी बेस से रायफल और 40 जिंदा कारतूस चोरी करने के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने जांच तेज कर दी है। इसी कड़ी में क्राइम ब्रांच की एक टीम आरोपी राकेश और उमेश के साथ-साथ शिकायतकर्ता जूनियर सेलर को लेकर नेवी नगर में घटनास्थल पर पहुंची और करीब तीन घंटे तक न सिर्फ स्पॉट पंचनामा किया, बल्कि क्राइम सीन को रीक्रिएट भी किया।
मुंबई क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि इस दौरान जांच टीम ने कई अहम साक्ष्य और तकनीकी सबूत इकट्ठा किए हैं। दोनों आरोपियों को उन सभी जगहों पर ले जाकर पूछताछ की गई, जो इस मामले से सीधे तौर पर जुड़ी थीं। जांच के दौरान आरोपी उमेश को नेवी बेस के बाहर के उन स्थानों पर भी ले जाया गया, जहां वह ठहरने और आने-जाने के दौरान गया था।
अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई से केस से जुड़े कई महत्वपूर्ण तकनीकी सबूत मिले हैं, जो मामले को सुलझाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी राकेश ने नेवी बेस में प्रवेश के दौरान सुरक्षा गेट पर आईएनएस गरुड़ा का आइकार्ड दिखाया था। उसने यह आइकार्ड अपने पर्स के अंदर से ही महिला सुरक्षा गार्ड को दिखाया और बिना बाहर निकाले ही अंदर चला गया। गार्ड को उसके असली इरादों की भनक तक नहीं लगी और उसने उसे बेस में प्रवेश की अनुमति दे दी।
इस संबंध में महिला गार्ड का बयान भी दर्ज किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, राकेश पहले भी मुंबई नेवी बेस पर ड्यूटी कर चुका था, इसलिए उसे परिसर की पूरी जानकारी थी। वहीं, शिकायतकर्ता जूनियर सेलर आरोपी राकेश से एक साल जूनियर है। हालांकि, क्राइम ब्रांच ने उसे अभी तक क्लीन चिट नहीं दी है और पिछले दो दिनों से लगातार उससे पूछताछ की जा रही है।
जांच में सामने आया है कि आरोपियों की लोकेशन ट्रेस होने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम महज नौ घंटे में उनके पास पहुंच गई थी। अब तक की जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि आरोपी चोरी किए गए हथियार नक्सलियों को बेचने की फिराक में थे, क्योंकि एल्गापल्ली का इलाका नक्सल प्रभावित क्षेत्र है और आरोपी उमेश लगातार उनके संपर्क में था। फिलहाल, क्राइम ब्रांच आरोपियों के मोबाइल फोन और कॉल डिटेल्स को खंगालने में जुट गई है।
(News Source-आईएएनएस)