वामन म्हात्रे व बंबई उच्च न्यायालय (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: ठाणे जिले के बदलापुर में दो नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न की घटना के खिलाफ किए जा रहे प्रदर्शन की रिपोर्टिंग कर रही एक महिला पत्रकार के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के आरोपी शिवसेना नेता वामन म्हात्रे को सोमवार को गिरफ्तारी पूर्व जमानत मिल गई है। बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए शिवसेना नेता वामन म्हात्रे को अग्रिम जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की एकल पीठ ने कहा कि इस मामले में प्रथम दृष्टया अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होते, क्योंकि म्हात्रे को शिकायतकर्ता की जाति की जानकारी नहीं थी। वहीं उनका इरादा जाति के खिलाफ टिप्पणी करने का नहीं था। शिकायतकर्ता महिला पत्रकार अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती हैं।
बता दें कि शिवसेना नेता वामन म्हात्रे पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के संबंधित प्रावधानों और एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। म्हात्रे पर बदलापुर के एक स्कूल में किंडरगार्टन की दो नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण के विरोध में बदलापुर रेलवे स्टेशन पर 20 अगस्त को हुए प्रदर्शन के दौरान रिपोर्टिंग कर रहीं एक महिला पत्रकार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और इशारे करने का आरोप है।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी से जुड़े वामन म्हात्रे को इस मामले में कल्याण सत्र न्यायालय ने 29 अगस्त को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। वामन म्हात्रे ने सत्र न्यायालय के इस आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।
बता दें कि महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बदलापुर कस्बे के स्कूल में 4 व 3 साल की दो बच्चियों का स्कूल के ही एक पुरुष कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न किया था। इस मामले में आरोपी अक्षय शिंदे को गिरफ्तार कर लिया गया था। 23 सितंबर को एक अन्य मामले में सुनवाई के लिए ले जाते समय मुठभेड़ में वह पुलिस की गोली लगने से मारा गया।
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यौन शाेषण की घटना के बाद 20 अगस्त को बदलापुर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसकी रिपोटिंग करने गई एक महिला पत्रकार पर शिवसेना नेता वामन ने कथित तौर पर विवादित टिप्पणी की थी।