राज ठाकरे के 'लुक' में छिपा कोई राजनीतिक संदेश? (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: पिछले 18 सालों से राजनीतिक रुप से अलग हुए 2 भाई आज एक साथ आ गए हैं। मराठी भाषा विजय रैली के मौके पर आखिरकार राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ एक मंच पर आए हैं। इस पल की दोनों नेताओं के चाहने वाले कई सालों से राह देख रहे थे तो वही अन्य सभी की कटाक्ष से इस घड़ी पर नज़र रही है। मुंबई के वर्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में हज़ारों मराठी भाई शामिल हुए हैं। क्या भविष्य में दोनों की राजनीतिक राहें एक साथ आएंगी? यह देखना अहम है।
बात आज के इस भव्य आयोजन की करें तो राज ठाकरे जब रैली स्थल पर पहुंचे तो उनके कंधे पर नीला मफलर लटका हुआ था। उन्होंने अपनी आंखों पर चश्मा लगाया हुआ था। पहले राज ठाकरे भगवा शॉल ओढ़ते थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने ग्रे और भूरे रंग का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। आज के कार्यक्रम में उन्होंने सीधे कंधे पर नीला मफलर ओढ़ा हुआ है, तो वे कौन सा राजनीतिक संदेश दे रहे हैं? सवाल उठ रहा है।
वहीं राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी नीली शर्ट पहने हुए थे। हालांकि, उद्धव ठाकरे हमेशा की तरह ही दिखे। कार्यक्रम में सुप्रिया सुले, जितेंद्र आव्हाड, महादेव जानकर समेत विपक्ष के कई लोग मौजूद थे। कार्यक्रम में इतने लोग जमा हो गए थे कि ऑडिटोरियम में जगह नहीं थी और लोगों को बाहर ही इंतजार करना पड़ा।
इधर साथ आए उद्धव-राज, उधर शुरू हुई तोड़फोड़, अब होगा भाषा पर असली बवाल!
इस अवसर पर बोलते हुए राज ठाकरे ने कहा कि किसी को भी मेरे मराठी और मराठी लोगों को गलत नज़र से नहीं देखना चाहिए। जो 20 साल में नहीं हुआ और जो बालासाहेब भी नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया है। मराठी लोग चाहते थे कि हम दोनों भाई एक साथ दिखें और आज वो हो गया।
करीबी 19 साल बाद शिवसेना से उद्धव ठाकरे और मनसे से राज ठाकरे एक बार साथ आ गए हैं🔥🔥🔥
ये तय है कि महाराष्ट्र की राजनीति अगले कुछ सालों में करवट लेते हुए दिखायी देगी। pic.twitter.com/xwzgRaNzkX
— I.N.D.I.A गठबन्धन (@savedemocracyI) July 5, 2025
इस बीच, क्या राज ठाकरे नीला मफलर पहनकर दलितों को आकर्षित करना चाहते हैं? क्या यह दलितों को मराठी भाइयों के साथ लाने की चाल है? यह भी राजनीतिक विशेषज्ञों के सामने एक सवाल है। यह देखना महत्वपूर्ण है कि राज ठाकरे अपने भाषण में वास्तव में क्या कहते हैं।
इस वक्त राज ठाकरे ने अपनी स्टाईल में जोरदार भाषणबाजी की जिसमें कई बातें कही जिसमें उन्होंने यह भी कहा, “किसी को मत मारो, लेकिन अगर वह मराठी के लिए लड़ रहा है, तो उसे अकेला मत छोड़ो। इसके अलावा, अगर आप अब से किसी को मारते हैं, तो उसका वीडियो मत बनाओ।”