
छठ पूजा की तैयारियों का जायजा लेते मंत्री मंगल प्रताप लोढ़ा व मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chhath Puja Celebration In Mumbai: बीएमसी चुनाव जल्दी ही होने वाले हैं। ऐसे समय में बीजेपी कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती है। मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीय समुदाय को रिझाने और अपने रिश्तों को मजबूत करने पर बीजेपी ने ध्यान देना शुरू कर दिया है।। छठ पूजा त्योहार एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है।
उत्तर भारतीय निवासियों के बीच अपनी गहरी सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व के लिए जाना जाने वाला छठ पूजा, पार्टी द्वारा समुदाय तक पहुंचने और सद्भावना बनाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। सुचारू व्यवस्था और दिखाई देने वाले प्रशासनिक समर्थन को सुनिश्चित करके, बीजेपी एक महत्वपूर्ण मतदाता आधार को जीतने की उम्मीद कर रही है, जो कई उपनगरीय वाडों में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
बीजेपी की तरफ से मुंबई में 60 स्थानों पर ‘छठ महापर्व’ का भव्य आयोजन कर रही है। इस बार भी बीएमसी चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने उत्तर भारतीय वोटरों को बीजेपी तक पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है। एक तरह से कहा जा सकता है कि इस बार छठ पूजा पर ‘सियासी रंग’ चढ़ता नजर आ रहा है।
बीजेपी की तरह शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रवक्ता एवं पूर्व सांसद संजय निरुपम भी छठ पूजा के मौके पर अपना दमखम दिखाने की तैयारी में हैं। उन्होंने हर साल की तरह जुहू में बिहारी फ्रंट संस्था के माध्यम से छठ पूजा का आयोजन किया है।
निरुपम के छठ पूजा महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आ रहे है और उत्तर भारतीयों मतदाताओं से संवाद साधने का प्लान तैयार किया है। ऐसे में कांग्रेस भी पीछे नहीं है। कांग्रेस द्वारा कांदिवली पूर्व स्थित लोखंडवाला मैदान में कृत्रिम तालाब का निर्माण कराया गया है और छठ व्रतियों की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
इस बार छठ पूजा में सजनीतिक पार्टियों का बैनर और पोस्टर का इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन छठ पूजा के मौके पर उत्तर भारतीय वोटरों को लुभाने की कोशिश जरूर की जाएगी। छठ पूजा का इस्तेमाल मुंबई में कई सालों से राजनीति के लिए किया जाता रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक, उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से मुंबई और उसके आसपास के जिलों में आकर रहने वाले प्रवासी उत्तर भारतीयों की सख्या अच्छी-खासी है। मुंबई शहर व मुंबई उपनगर में 18 लाख से ज्यादा उत्तर भारतीय वोटर रहते हैं।
इसके अलावा ठाणे, कल्याण, नई मुंबई, पालघर, वसई और विरार जैसे क्षेत्रों में भी हिंदी भाषी राज्यों के प्रवासी बड़ी संख्या में हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने मुंबई को अपनी कर्मभूमि बनाया है। ये मतदाता बीएमसी चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और मुंबई बीजेपी अध्यक्ष एक विधायक अमित साटम ने बीएमसी अधिकारियों के साथ शुक्रवार को छठ पूजा के लिए तैयार किए जा रहे पूजा स्थलों का निरीक्षणा किया। जुहू चौपाटी और वरली जांबोरी मैदान परिसर में लोढ़ा और साटम ने बीएमसी द्वारा की गई सुविधाओं की समीक्षा की।
📍छठ पूजा तैयारी | जांबोरी मैदान, वर्ली माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्रजी फडणवीस के मार्गदर्शन में, आस्था और उत्साह के साथ मनाए जाने वाले छठ महापर्व की तैयारियों का आज मुंबई के जांबोरी मैदान, वर्ली में निरीक्षण किया। भाविकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पुरुष और महिला… pic.twitter.com/WnydiEyEmH — Mangal Prabhat Lodha (@MPLodha) October 24, 2025
जुह चौपाटी पर छठ पूजा समितियों के प्रतिनिधियों ने महिलाओं के लिए पूजा के बाद कपड़े बदलने के लिए 75 स्वतंत्र कक्षों की मांग की थी, लेकिन अब तक केवल 30 कमरे ही बनाए हैं।
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अन्य स्थलों पर भी पर्याप्त सुविधाएं न होने से छठ पूजा समितियो के प्रतिनिधियों ने नाराजगी जताई। इस विषय में मंत्री लोढ़ा ने बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी से फोन पर चर्चा की, जिसके बाद गगरानी ने आवश्यक सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराने का आश्वासना दिया।
इस निरीक्षण दौरे में वरिष्ठ अधिकारी, छठ पूजा समन्वयक के पदाधिकारी दिवाकर मिश्रा और जितेंद्र झा उपस्थित थे। इसके अलावा भाजपा मंडल अध्यक्ष विश्वजीत चंदे और साक्षी सावंत भी मौजूद रहे।
आधिकारिक तौर पर छठ पूजा की तैयारियों के निरीक्षण का था, लेकिन इसके राजनीतिक मायने स्पष्ट हैं। मुंबई में उत्तर भारतीय मतदाता कई बीएमसी वॉर्ड सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। छठ महापर्व सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तर भारतीय अस्मिता और शक्ति प्रदर्शन का एक बड़ा मंच भी है।
बीजेपी इस मंच के माध्यम से समुदाय को यह संदेश देना चाहती है कि वह उनकी धार्मिक भावनाओं और जरूरतों का सम्मान करती है, लोढ़ा और साटम की जोड़ी का समय से पहले ही इस आयोजन की कमान संभालना, पार्टी की उस आक्रामक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह चुनाव की घोषणा से पहले ही जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेना चाहती है।






