अमोल मिटकरी (Image- Social Media)
Mumbai News: भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी अंजना कृष्णा के शैक्षणिक और जाति प्रमाणपत्रों पर सवाल उठाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधान परिषद सदस्य अमोल मिटकरी ने कृष्णा के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणी शनिवार को वापस ले ली और माफी मांगी।
उपमुख्यमंत्री और राकांपा अध्यक्ष अजित पवार ने करमाला की उप-विभागीय पुलिस अधिकारी कृष्णा को हाल में फोन पर फटकार लगाई थी और उनसे अवैध मिट्टी उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई रोकने को कहा था, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया।
घटना का वीडियो सार्वजनिक होने के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे पवार ने शुक्रवार को कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहते, बल्कि तनावपूर्ण स्थिति को कम करने का प्रयास कर रहे थे। मिटकरी ने ट्वीट किया कि उन्होंने यूपीएससी से अंजना कृष्णा के शैक्षणिक और जाति प्रमाणपत्रों के बारे में जानकारी मांगी है, जिसके आधार पर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता यशोमति ठाकुर ने महिला पुलिस अधिकारी को निशाना बनाने के लिए उनकी आलोचना की थी। मिटकरी ने शनिवार को कहा, ‘‘यह मेरी पार्टी का रुख नहीं है। यह मेरा निजी विचार था। मैं हमारे पुलिस बल और ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों का बहुत सम्मान करता हूं। मैं पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के रुख से पूरी तरह सहमत हूं।” मिटकरी ने कहा कि वह सोलापुर की घटना के संबंध में किए गए ट्वीट वापस ले रहे हैं और माफी मांगते हैं।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर तीखा हमला बोला और उन पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक वायरल वीडियो में अजित पवार को एक महिला अधिकारी के साथ कथित तौर पर डांटते हुए सुना गया।
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केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अवैध रेत खनन पर नकेल कसने की अपनी जिम्मेदारी निभा रही आईपीएस अंजना कृष्णा से जिस अहंकारी लहजे में बात की, उससे पता चलता है कि सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्य अपनी ताकत के नशे में कितने चूर हैं।” -एजेंसी इनपुट के साथ