रोहित पवार और सीएम का विज्ञापन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Rohit Pawar on Devendra Fadnavis Posters: महाराष्ट्र में अनंत चतुर्देशी के अवसर पर उत्साह का माहौल है। इसी बीच राज्य भर के अखबारों में छपे सीएम देवेंद्र फडणवीस के फुल-पेज विज्ञापन चर्चा का विषय बन गया है। इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए दिखाई दे रहे हैं। तो वहीं एक दूसरे विज्ञापन में उन्हें 10 दिवसीय गणेश उत्सव के आखिरी दिन अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान श्री गणेश की पूजा करते हुए दिखाई दे रहे है।
इन दोनों ही विज्ञापनों के नीचे मराठी में ‘देवभाऊ’ लिखा है। इस तरह के विज्ञापन छपवाने के लिए करोड़ों की राशि का जरूरत होती है। ऐसे में उनका ये विज्ञापन चर्चा का विषय बन गया है। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि इन विज्ञापनों को किसने प्रायोजित किया गया था। लेकिन उनके इस विज्ञापन पर शरद पवार गुट के नेता रोहित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि सीएम फडणवीस से यह उम्मीद नहीं है।
रोहित पवार ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है, “एक तरफ़, जब राज्य में हर रोज़ 8 किसान आत्महत्या कर रहे हैं और पूरे महाराष्ट्र में भारी बारिश हो रही है, तब मुख्यमंत्री के लिए बड़े-बड़े विज्ञापन देने के लिए अख़बारों के पहले पन्ने और कई हवाई अड्डों पर करोड़ों रुपये खर्च करने के सरकार के रवैये पर काफ़ी गुस्सा था, लेकिन मुझे पूरा भरोसा था कि देवेंद्र फडणवीस साहब जैसे बड़े नेता ऐसी गलती नहीं करेंगे।”
एकीकडे राज्यात रोज ८ शेतकरी आत्महत्या होत असताना आणि अतिवृष्टीने संपूर्ण महाराष्ट्र झोडपला असताना वृत्तपत्रांच्या पहिल्या पानावर तसेच अनेक विमानतळांवर कोट्यवधी रुपये उधळून मुख्यमंत्र्यांच्या मोठमोठ्या जाहिराती देण्याची सरकारची वृत्ती बघून मोठी चीड आली, परंतु मा. देवेंद्र फडणवीस… pic.twitter.com/IpLZjm8DUv
— Rohit Pawar (@RRPSpeaks) September 7, 2025
रोहित पवार ने आगे लिखा, “जब मैंने इन करोड़ों रुपये के विज्ञापनों के बारे में और जानकारी हासिल की, तो पता चला कि ये विज्ञापन सरकार के एक मंत्री ने देवेंद्र फडणवीस साहब को बताए बिना दिए थे और उससे भी बड़ी बात, मुझे यह भी पता चल रहा है कि यह मंत्री भाजपा का नहीं, बल्कि एक सहयोगी दल का है।”
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करोड़ों के विज्ञापन के बारे में रोहित पवार ने कहा, “अगर मुझे मिली जानकारी सही है, तो सहयोगी दल के मंत्रियों ने गुमनाम रूप से मुख्यमंत्री के लिए करोड़ों रुपये के विज्ञापन क्यों दिए? इन विज्ञापनों के लिए करोड़ों रुपये कहां से आए? यह मंत्री कौन है? कई सवाल उठते हैं। अगर विज्ञापन देने वाले सामने आएं, तो इन सवालों के जवाब ज़रूर मिल जाएंगे।”