हिंदी-मराठी बहस में कूदे अबू आजमी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मुंबई में आयोजित विजय रैली में कुछ हिंदी भाषिकों की आलोचना की थी। इस पर झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे को सीधा जवाब दिया था। महाराष्ट्र में हिंदी अनिवार्यता का जीआर रद्द होने के बाद मराठी-हिंदी विवाद पर राजनीति गरमा गई है। इस भाषाई विवाद में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी कूद पड़े हैं।
उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा है कि भाजपा को मराठी से कोई प्रेम नहीं है और झगड़ा शुरू करना उनकी आदत है। ये लोग आम आदमी की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने हिंदी भाषिकों के खिलाफ विवादित बयान दिया था। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ विजय रैली में उन्होंने हिंदी भाषिकों की आलोचना की थी।
राज ठाकरे ने कहा था, “मारों, लेकिन वीडियो मत बनाओ।” इस बयान पर सीधे तौर पर झारखंड से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने जवाब दिया। उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा, “तुम हमारे पैसे पर जीते हो, हिम्मत है तो सामने आओ, हम तुम्हें पीटेंगे।” दुबे ने यह बयान दिया है। अबू आजमी ने दुबे के बयान की आलोचना की है। उन्होंने भाजपा से सवाल पूछा हैं कि भाजपा ने आज तक मराठी समाज के लिए क्या काम किया है।
आजमी ने आरोप लगाया कि भाजपा का काम सिर्फ मराठी और हिंदी भाषी लोगों के बीच विवाद पैदा करना है। भाजपा इसी एजेंडे को लागू कर रही है। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है। पुलिस सत्ताधारी पार्टी के लोगों को छूती नहीं है और अगर हम केस दर्ज कराने जाते हैं तो हमारी शिकायत भी नहीं ली जाती। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में पुलिस सत्ताधारी पार्टी का काम कर रही है।
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सरकार की लापरवाही हर मामले में नज़र आती है, कई राज्यों से लोग भूखे पेट महाराष्ट्र आते हैं लेकिन यहां उन्हें रोज़गार मिलता है। कुछ लोग ऐसे हैं जो राजनीति के लिए जगह तलाश रहे हैं, जबकि कई लोग महाराष्ट्र आकर यहां काम करते हैं और करोड़पति बन जाते हैं। महाराष्ट्र और मुंबई में बहुत संभावनाएं हैं, ऐसा अबू आज़मी ने कहा।
आजमी ने आगे कहा कि महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि है और उनके राज्य में मुसलमानों का सम्मान किया जाता था। इसी तरह, उन्होंने यह रुख अपनाया है कि महाराष्ट्र में रहने वाले हर व्यक्ति को मराठी आनी चाहिए और मराठी सीखनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मैं खुद मराठी सीख रहा हूं, लेकिन किसी के डर से नहीं बल्कि महाराष्ट्र के प्रति प्रेम के कारण, मैं यह भाषा सीख रहा हूं।
महाराष्ट्र में मराठी का सम्मान करना जरूरी है, लेकिन अगर कोई संविधान के खिलाफ काम कर रहा है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, आजमी ने कहा। उन्होंने आगे माना कि महाराष्ट्र ने महाराष्ट्र को बहुत कुछ दिया है।