स्पेशल सीबीआई कोर्ट (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने नौसेना में लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) की भर्ती के लिए परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप में भारतीय नौसेना के एक पूर्व अधिकारी समेत दो लोगों को मंगलवार को दोषी ठहराया और अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई।
अदालत ने फैसला सुनाया कि 2010 के मामले में अपराध “गंभीर प्रकृति” का था और भर्ती होने के कारण इसका दूरगामी प्रभाव और भर्ती प्रक्रिया के साथ समझौता पड़ा। इसलिए ऐसे अपराधों से “सख्ती से निपटा जाना चाहिए, हालांकि, न मामले में चार अन्य आरोपियों को विशेष सीबीआई न्यायाधीश ए वी खारकर ने बरी न कर दिया। दोषियों में एक कोचिंग सेंटर चलाने वाला रामबीर रावत और एक पूर्व नौसेना अधिकारी रमेश सैनी शामिल हैं। को उन्हें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और जाली दस्तावेजों को असली बताकर इस्तेमाल करने का दोषी ठहराया गया।
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कोर्ट ने उन्हें तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक को 50,000 रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया। एलडीसी परीक्षा में धांधली की विश्वसनीय सूचना के आधार पर सीबीआई ने जांच शुरू की थी। सीबीआई की ओर से पेश विशेष सरकारी वकील संदीप सिंह का तर्क था কি आरोपियों ने परीक्षा में धांधली के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचा था। इन सभी आरोपियों ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक किया था। सीबीआई द्वारा 25-26 सितंबर 2010 की रात को एक लॉज में की गई छापेमारी में प्रश्नपत्रों और नकदी सहित आपतिजनक दस्तावेज बरामद हुए।