बाबाओं को 21 लाख का चैलेंज (pic credit; social media)
21 lakh challenge to Babas: चमत्कार के नाम पर जनता को गुमराह करने वाले बाबाओं और तांत्रिकों की पोल खोलने के लिए महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने बड़ा ऐलान किया है। समिति के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष संजय बनसोड़े ने खुलासा किया कि संगठन की ओर से ‘चमत्कार दिखाओ और इनाम पाओ’ जैसी चुनौती कई सालों से दी जा रही है।
पहले इनाम की राशि 1 लाख थी, फिर 5 लाख, 10 लाख, 15 लाख और अब बढ़ाकर 21 लाख रुपए कर दी गई है। लेकिन आज तक कोई बाबा, साधु या तांत्रिक इस चुनौती को स्वीकार करने सामने नहीं आया।
बनसोड़े ने कहा कि यह सबूत है कि चमत्कार नाम की कोई चीज नहीं होती। जो कुछ होता है, वह केवल विज्ञान और तकनीक की देन है। उन्होंने ठाणे शहर के प्रगतिशील संगठनों की ओर से आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में यह बात कही।
बनसोड़े ने बताया कि अंधविश्वास और ढोंग के खिलाफ समिति पिछले 36 साल से लगातार काम कर रही है। अंधविश्वास फैलाने वाले बाबाओं और तांत्रिकों की वजह से आम जनता आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से शोषित होती है। यही वजह है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रचार-प्रसार की बेहद जरूरत है।
उन्होंने साफ कहा कि मंच पर आग उगलने, हवा में वस्तुएं रोकने या अचानक सोना बरसाने जैसे तमाम तथाकथित चमत्कार केवल भ्रम और जादू की ट्रिक्स हैं। जब इन ‘चमत्कारियों’ को मंच पर खुली चुनौती दी गई तो कोई भी व्यक्ति अपने कथित चमत्कार साबित करने नहीं आया। इससे साफ है कि ढोंग और अंधविश्वास के नाम पर भोली-भाली जनता को ठगा जा रहा है।
कार्यक्रम में मौजूद नागरिकों और प्रगतिशील संगठनों के सदस्यों ने भी यह मांग रखी कि समाज में वैज्ञानिक सोच को और मजबूत किया जाए ताकि लोग झूठे दावों के चक्कर में न फंसें। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने ऐलान किया कि उनका अभियान आगे भी इसी तरह जारी रहेगा और चमत्कार का दावा करने वालों को चुनौती मिलती रहेगी।
यह खबर केवल चमत्कारियों की पोल खोलती है बल्कि समाज को भी आईना दिखाती है कि असली ताकत विज्ञान और ज्ञान में है, न कि झूठे चमत्कारों में।