Maharashtra vs Gujarat: महाराष्ट्र और गुजरात का स्थापना दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है। वर्ष 1960 में आज ही के दिन गुजरात और महाराष्ट्र दो बड़े और समृद्ध ऐतिसिक राज्यों की स्थापना हुई थी। महाराष्ट्र आर्थिक दृष्टि से काफी मजबूत राष्ट्र माना जाता है। केयरएज रेटिंग्स की स्टेट रैंकिंग 2025 की रिपोर्ट में महाराष्ट्र वित्तीय विकास में शीर्ष पर रहा है। राज्य में आर्थिक राजकोषीय और सामाजिक स्तंभों में मजबूत प्रदर्शन किया। जबकि गुजरात लीडिंग इकोनॉमिक रैंक के साथ राजकोषीय के आधार पर तीसरे स्थान पर है।
महाराष्ट्र और गुजरात दोनों ही समृद्ध राष्ट्र हैं और दोनों की अलग-अलग विशेषता है। ऐसे में इनका तुलनात्मक अध्ययन काफी मुश्किल होगा। दोनों की अलग संस्कृति और विकास के अपने मापदंड हैं। फिर भी कुछ क्षेत्रों के आधार पर इनकी तुलना कर सकते हैं ये अनुमान लगाया जा सकता है कि स्थापना के साथ कौन आगे है और कौन पीछे…
महाराष्ट्र में गुजरात की तुलना में शहरीकरण का स्तर अधिक है। ऐसा नहीं है कि गुजरात इस दिशा में काफी पिछड़ा है, लेकिन तुलनात्मक रूप महाराष्ट्र में शहरी आबादी अधिक है। वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माने तो महाराष्ट्र में शहरी जनसंख्या 45.2 फीसदी है। वहीं दूसरी ओर गुजरात की शहरी जनसंख्या का कुल प्रतिशत 42.6 प्रतिशत है। महाराष्ट्र शहरीकरण के मामले में भारत में तीसरे स्थान पर है जबकि गुजरात चौथे स्थान पर है।
मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। महाराष्ट्र आज की तारीख में भारत का सबसे धनवान राज्य है। महाराष्ट्र की जीडीपी गुजरात की तुलना में काफी अधिक है। महाराष्ट्र की जीएसडीपी (GSDP) वर्ष 2023-24 में 40.55 लाख करोड़ रुपये थी, यह गुजरात के 25.62 लाख करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा है। हालांकि 2010-11 में महाराष्ट्र का जीडीपी में कुल योगदान 15.2% था, जो 2023-24 में घटकर 13.3% हो गया है, वहीं गुजरात का योगदान जीडीपी में 7.5% से बढ़कर 8.1% हो गया।
महाराष्ट्र और गुजरात दोनों ने ही अपनी शिक्षा नीतियों पर काफी काम किया है। इसलिए दोनों ही मजबूत स्थिति में हैं। फिर भी महाराष्ट्र साक्षरता के मामले में गुजरात से थोड़ा आगे है। 2011 की जनगणना के आधार पर महाराष्ट्र में वर्तमान साक्षरता दर 82.3 फीसदी है। इसमें भी पुरुष साक्षरता दर 88.38 फीसदी है तो वहीं महिला साक्षरता दर 75.87 फीसदी है। जबकि गुजरात की बात करें तो यहां साक्षरता दर 79.31 प्रतिशत है। इसमें भी पुरुष लिट्रेसी रेट 87.23 फीसदी है तो महिला साक्षरता दर 70.73 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षण संस्थानों की संख्या अधिक है, जबकि गुजरात में उद्योग और व्यापार पर अधिक फोकस रहता है। दोनों राज्य अपनी शिक्षा नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
यूं तो महाराष्ट्र देश का सबसे धनवान राज्य है। गुजरात उसके सामने काफी पीछे है। कोलियर्स इंडिया के अध्ययन के मुताबिक निर्माण क्षेत्र में यदि दोनों राज्यों की तुलना करें तो गुजरात महाराष्ट्र से आगे है। गुजरात भारत में मैन्यूफैक्चरिंग के लिए सबसे पसंदीदा स्थान बन गया है। बाहरी कंपनियां भी इनवेस्टमेंट करने में रुचि ले रही हैं।
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पर्यटन के क्षेत्र में दोनों ही राज्य काफी समृद्ध हैं लेकिन तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो महाराष्ट्र में पर्यटन स्थलों की संख्या गुजरात की तुलना में अधिक हैं। महाराष्ट्र में मुंबई, पुणे, महाबलेश्वर, लोनावला, खंडाला, नासिक, अलीबाग जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। वहीं गुजरात में अहमदाबाद, सासन गिर, द्वारका, सोमनाथ मंदिर जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं। महाराष्ट्र में विदेशी पर्यटकों की संख्या गुजरात के मुकाबले अधिक है। महाराष्ट्र में बीते वर्ष 33,87,739 विदेशी पर्यटक आए थे, जबकि गुजरात में यह संख्या 28,06,871 थी।