महाराष्ट्र साइबर के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस संजय शिंत्रे (साेर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र साइबर के अनुसार, हर दिन करीब 5000 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हो रही हैं, यानी हर मिनट 4 साइबर अपराध हो रहे हैं। सबसे आम है ‘डिजिटल अरेस्ट’ धोखाधड़ी, जिसमें अपराधी पुलिस या कानूनी अधिकारी बनकर बुजुर्गों को कानूनी खतरों से डराते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं। अब जेनएस लाइफ एप ने महाराष्ट्र साबर के साथ मिलकर वरिष्ठ नागरिकों को साइबर खतरों के बारे में जागरूक करने का फैसला किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल 12 लाख से ज्यादा साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें 11,333 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ । 2024 में केवल महाराष्ट्र में 8,947 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए, जो डिजिटल धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को दर्शाता है। पुणे में सबसे ज्यादा 6,707 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान दर्ज हुआ। नागपुर में 212 मामले दर्ज हुए, जिनमें 63.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। मुंबई में सबसे ज्यादा 4,849 मामले दर्ज किए गए।
महाराष्ट्र साइबर के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस संजय शिंत्रे के अनुसार भारत में 15 करोड़ से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक हैं, जो कम डिजिटल जानकारी और वित्तीय संपत्तियों तक पहुंच के कारण बड़ी आसानी से साइबर अपराधियों का निशाना बनते हैं।
डिजिटल अरेस्ट के बारे में हमेशा याद रखें कि कोई भी सरकारी विभाग या पुलिस, एयरपोर्ट, कस्टम्स, इनकम टैक्स, सीबीआई, क्राइम ब्रांच, सीआईडी, ईडी जैसी कानूनी एजेंसी वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ नहीं करती।
संजय शिंत्रे ने कहा कि इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने विशेष साइबरक्राइम ऑफिस बनाए हैं। यह भारत में एकमात्र ऐसी व्यवस्था है जहां पीड़ित 24 घंटे हमारी हेल्पलाइन के जरिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं। हम नए स्कैम्स पर सलाह जारी कर रहे हैं और नागरिकों से सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं। हमने एक खास प्लेटफॉर्म बनाया है जहां पीड़ित शिकायत दर्ज कर तुरंत जांच शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी पेमेंट करने की कोई समय सीमा हो, तो हमेशा मान लें कि यह साइबर अपराध है।
भारत सरकार ने 26 लाख से ज्यादा फर्जी मोबाइल नंबर ब्लॉक किए हैं, जो साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ा कदम है। सीनियर सिटिजन्स को सरकारी सलाह से अपडेट रहना चाहिए, अपने डिवाइस को सुरक्षित रखकर डिजिटल हाइजीन बनाए रखना चाहिए और अनजान कॉल या मैसेज की हमेशा जांच करनी चाहिए। अगर कुछ भी संदिग्ध लगे, तो परिवार के किसी विश्वसनीय सदस्य से बात करें या हमारी हेल्पलाइन पर संपर्क करें। साथ मिलकर, हम इन खतरों को हरा सकते हैं।
जेनएस लाइफ की संस्थापक मीनाक्षी मेनन ने कहा कि “हमारे बुजुर्ग केवल सहानुभूति के नहीं, बल्कि मजबूत और स्मार्ट सुरक्षा के हकदार हैं। जेनएस लाइफ में, हम बीमा को शिक्षा और सहायता के साथ जोड़ रहे हैं ताकि वे ऑनलाइन सुरक्षित, आत्मविश्वास और निश्चिंत महसूस करें। यह उन्हें आज की डिजिटल दुनिया में पूरी तरह से जीने के लिए सशक्त बनाने के बारे में है।
मेनन ने कहा कि हमारा मानना है कि 60 से अधिक की उम्र अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने का समय होती है। यह हमारे उस बड़े मिशन से जुड़ा है, जिसमें उनकी भावनात्मक, वित्तीय, जीवनशैली और सामाजिक जरूरतों के लिए एक संपूर्ण इकोसिस्टम बनाना है।
जेनएस लाइफ ने अपने गोल्ड प्लान मेंबर्स के लिए खास साइबर इंश्योरेंस शुरू किया है, जो न केवल साइबर धोखाधड़ी से हुए नुकसान को कवर करता है, बल्कि सरल सुरक्षा गाइड, इंटरैक्टिव जागरूकता सत्र और 24 घंटे सहायता भी प्रदान करता है। गोल्ड प्लान 4900 रुपये के सालाना प्रीमियम के साथ, 5 लाख रुपये तक का साइबर इंश्योरेंस देता है। साथ ही इसमें अन्य फायदे जैसे हॉस्पी-कैश, पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस और विशेष छूट वाली सेवाएं भी मिलती हैं।
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सावधान इंडिया व क्राइम पेट्रोल के निर्माता-निर्देशक अनिरबन भट्टाचार्य ने संजय शिंत्रे का साक्षात्कार लिया। अनिरबन की नई बेस्टसेलर किताब ‘स्वाइप राइट टु किल’ जयपुर के टिंडर मर्डर केस के बारे में है, जो देश के सबसे चौंकाने वाले साइबर अपराधों में से एक है। इस वीडियो में बताया गया है कि साइबर अपराध से हम कैसे सतर्क रह सकते हैं और इसका शिकार होने से बच सकते हैं।