उद्धव ठाकरे ने जारी किया शिवसेना का ‘वचननामा’
ठाणे: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बीते शनिवार शाम को कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता ही उनके ‘वाघ-नख’ हैं और वह ‘अब्दाली’ से नहीं डरते। इससे पहले जब ठाकरे यहां गडकरी रंगायतन सभागार में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक बैठक के लिए पहुंचे तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और उनके काफिले पर टमाटर और गोबर फेंका।
इतना ही नही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीते शनिवार को ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर दिल्ली के सामने झुकने का आरोप लगाया और कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव उन लोगों के खिलाफ लड़ाई है जो राज्य से नफरत करते हैं।
बीते शनिवार शिंदे के गढ़ ठाणे शहर में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य सरकार पर अक्टूबर में होने वाले चुनावों से महीनों पहले अपनी प्रमुख योजना ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना’ की घोषणा करके मतदाताओं को “रिश्वत” देने का आरोप लगाया। ठाकरे ने कहा, “राज्य विधानसभा की लड़ाई उन लोगों के साथ होगी जो महाराष्ट्र से नफरत करते हैं।”
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जानकारी दें कि बीते शनिवार देर शाम ठाणे के राम गणेश गडकरी रंगायतन सभागार में उद्धव ठाकरे की सभा थी। वहीं उद्धव इस सभा में भाग लेने के लिए जैसे ही पहुंचने वाले थे, आसपास पहले से मौजूद मनसे कार्यकर्ताओं ने रास्ते से ही उनके काफिले पर टमाटर, नारियल एवं चूडि़यां फेंकनी शुरू कर दीं थी । मनसे कार्यकर्ता उद्धव ठाकरे के विरोध में और राज ठाकरे के पक्ष में नारे भी लगा रहे थे।
हालांकि उद्धव, कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान इस घटना का कोई उल्लेख न करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उनके ‘वाघ-नख’ हैं और वह “अब्दाली” से नहीं डरते।दरअसल इससे पहले बीते शुक्रवार को बीड जिले में राज ठाकरे के पहुंचते ही शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने उनकी कार के सामने सुपारी फेंककर ‘सुपारीबाज वापस जाओ’ के नारे लगाए थे। वस उनकी इस चेतावनी का असर बीते शनिवार शाम ही मुंबई के पड़ोसी ठाणे जिले में दिखाई पड़ गया।
जानकारी दें कि हाल ही में उद्धव ठाकरे ने BJP नेता और ग्रहमंत्री अमित शाह को ‘अहमद शाह अब्दाली’ करार दिया था। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री ने ठाकरे पर ‘औरंगजेब फैन क्लब’ का प्रमुख होने का आरोप लगाया था। कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा, “मेरे शिवसैनिक मेरे ‘वाघ-नख’ हैं, मुझे अब्दाली से कोई डर नहीं है।”
पता हो कि ‘वाघ-नख’ या बाघ-पंजा एक हाथ से पकड़ा जाने वाला हथियार है। कहा जाता है कि इसका इस्तेमाल छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए किया था। यह हथियार वर्तमान में सतारा के एक संग्रहालय में रखा गया है।