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नई दिल्ली: देश के पूर्व विदेश मंत्री के। नटवर सिंह का बीती शनिवार देर रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। उन्होंने शनिवार देर रात गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली, जहां वे बीते कुछ हफ्तों से भर्ती थे।पारिवारिक सूत्रों की मानें तो उनके बेटे अस्पताल में हैं और उनके परिवार के कई अन्य सदस्य अंतिम संस्कार के लिए आज रविवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं।
जानकारी दें कि के। नटवर सिंह एक प्रमुख कांग्रेसी थे। साल 2004-05 के दौरान UPA-I सरकार में भारत के विदेश मंत्री रहे थे। तब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने पाकिस्तान में राजदूत के रूप में भी कार्य किया और 1966 से 1971 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय से भी जुड़े रहे थे।उन्हें साल 1984 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। नटवर सिंह ने कई अच्छी किताबें भी लिखीं थीं।
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भारत सरकार में पूर्व विदेश मंत्री, पद्म विभूषण से सम्मानित कु. नटवर सिंह जी के निधन का समाचार अत्यन्त दुःखद है।
प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिवार को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करें ।ॐ शांति! pic.twitter.com/hwcUNjWwh3
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) August 10, 2024
इतना ही नही नटवर सिंह ने अपनी किताब ‘वन लाइफ इज नॉट एनफ’ में 2004 का वह खास किस्सा भी बताया था, जब कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीती थी और यह लगभग तय हो चुका था कि सोनिया गांधी ही अगली प्रधानमंत्री बनने वाली हैं। लेकिन, ऐन वक्त पर सोनिया ने यह पद ही ठुकरा दिया था।
पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह जी के निधन का समाचार दुखद है ।
ईश्वर उनके परिजनों को यह क्षति सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को सदगति प्रदान करें। pic.twitter.com/WAP3HQJlgF
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 10, 2024
बता दे कि साल 1929 में राजस्थान के भरतपुर जिले में जन्मे नटवर सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मेयो कॉलेज और ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से पूरी की थी। इसके बाद उन्होने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कालेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। साल 1953 में वे भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चुने गए थे। नटवर सिंह IFS में रहते हुए उन्होंने चीन, न्यूयार्क, पोलैंड, इंग्लैंड, पाकिस्तान, जमैका और जांबिया सहित विभिन्न देशों में अपनी सेवाएं दीं थी।
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अपने तीन दशकों की अथक सेवा के बाद नटवर सिंह ने 1984 में IFS से इस्तीफा दे दिया और राजनीति में प्रवेश करने के लिए कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। उसी साल उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी जीता। उन्हें उस दौरान राज्य मंत्री बनाया गया था। इसके बाद साल 2004 में भारत के विदेश मंत्री बनाए जाने तक नटवर का राजनीतिक करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा।