मनोज जरांगे के अनशन पर बोले एकनाथ शिंदे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
कोल्हापुर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कोल्हापुर में मीडिया से बात करते हुए कहा एक तरफ राज्य का विकास तो दूसरी तरफ कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, साथ ही प्यारी बहनों, किसानों, महिलाओं और मेहनतकशों के सहयोग से करवीर निवासिनी श्री अंबाबाई की कृपा से राज्य में महायुति को सत्ता मिली है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज्य में महायुति के सत्ता में आने के बाद उपमुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद एकनाथ शिंदे ने कोल्हापुर की सद्भावना यात्रा की और करवीर निवासिनी श्री अंबाबाई के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की।
एकनाथ शिंदे की महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत कोल्हापुर में अंबाबाई के दर्शन से हुई थी। एकनाथ शिंदे ने कहा कि इसलिए कोल्हापुर ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र में लोगों ने महायुति के पक्ष में मतदान किया है। दावोस में हुए समझौते से राज्य में 15 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। 7.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। महाराष्ट्र में 52 प्रतिशत विदेशी निवेश किया जाएगा। महाराष्ट्र की ओर कई उद्योग आकर्षित हो रहे हैं। विपक्ष भले ही इसकी आलोचना करे, लेकिन हम कभी भी आलोचना का जवाब नहीं देंगे। हम अपना काम दिखाएंगे।
एकनाथ शिंदे ने कहा हमारी सरकार ने जो आरक्षण दिया है, वह किसी अन्य आरक्षण को प्रभावित किए बिना दिया है। इसलिए, यह बरकरार रहेगा। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर, सांसद धैर्यशील माने, पूर्व सांसद संजय मंडलिक, विधायक राजेश क्षीरसागर, विधायक चंद्रदीप नारके सहित पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।
महायुति सरकार को सत्ता में आए दो महीने हो चुके हैं और एक के बाद एक समस्या सामने आ रही है। अब मराठा आरक्षण का मुद्दा सामने आया है। मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने एक बार फिर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। मनोज जरांगे पाटिल जालना में अपने अंतरवली सराय में अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने मराठा आरक्षण को ओबीसी से अलग करवाने के लिए अनशन शुरू किया है।
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राज्य में पिछले दो सालों से मराठा आरक्षण का मुद्दा छाया हुआ है। मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने अनशन, आंदोलन और मार्च करके आरक्षण की पुरजोर मांग की है। मराठा समुदाय कुनबी है और मनोज जरांगे पाटिल ने मूल मांग यही रखी है कि सभी मराठा समुदाय को कुनबी के तहत ओबीसी से आरक्षण दिया जाना चाहिए। हालांकि, महायुति अभी तक मराठा को ओबीसी से अलग करवाने में सफल नहीं हो पाई है। इस वजह से राज्य में अक्सर महायुति सरकार बनाम मनोज जरांगे पाटिल के बीच विवाद देखने को मिलता है।