गोपीचंद पडलकर और जयंत पाटिल (सौजन्य-सोशल मीडिया)
कोल्हापुर: एनसीपी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में प्रदेशाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने की मांग करने वाले जयंत पाटिल पर बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने तीखा हमला बोला है। पडलकर ने कहा कि पाटिल का राजनीतिक करियर खत्म होने की कगार पर है। “दीया बुझने से पहले तेज जलता है, वैसी ही हालत आज पाटिल की हो गई है।’
पडलकर ने कहा कि पाटिल का प्रदेशाध्यक्ष पद छोड़ने का बयान मुझे गंभीर नहीं लगता। वे इस जिम्मेदारी से क्यों भाग रहे हैं, यह मुझे समझ नहीं आता। जयंतराव अब राजनीति में समाप्त विषय हो चुके हैं। उन्हें जबरन बड़ा दिखाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं होगा। दीया बुझने से पहले तेज जलता है – बिल्कुल वैसी ही स्थिति आज उनकी बन गई है। पाटिल सहानुभूति के आधार पर राजनीति में आए नेता हैं।
उन्होंने कभी कोई संघर्ष नहीं किया, न ही सांगली के लिए कोई बड़ा प्रोजेक्ट लाया। इतने वर्षों तक वे सिर्फ ‘वीआईपी कैबिनेट’ में ही रहे। साइकिल का पंचर निकाला जा सकता है, लेकिन जब टायर फट जाए तो टायर बदलना ही पड़ता है – जयंत पाटिल की हालत आज वैसी ही हो गई है। हालांकि, जयंत पाटिल ने प्रदेशाध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन एनसीपी (एसपी) ने इस बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। पवार ने एनसीपी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से कहा कि आगामी पालिका चुनाव के बाद ही नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर फैसला लिया जाएगा।
पडलकर ने कहा कि स्वराज्य में धनगर समाज का बहुत बड़ा योगदान रहा है। रायगढ़ पर उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे दुश्मनों तक पहुंचने के लिए सुई जैसी संकरी पगडंडियों का उपयोग करते थे, हमला करने के बाद वे रास्ते फिर से मिटा देते थे। उन्होंने राजाओं तक गोपनीय जानकारी पहुंचाई। इतने योगदान के बावजूद, समझ नहीं आता कि धनगर समाज को घर मिलने पर किसकी आंखों में खटकता है।
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उन्होंने आगे कहा कि आपके सामने ही हम समाज को भेजी गई नोटिस को फाड़कर फेंकते हैं। यह सारी जानकारी मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संज्ञान में लाऊंगा। मैं रायगढ़ में रहने वाले धनगर समाज के लिए पक्के घरों की मांग कर रहा हूं। हम दो-तीन दिन में रायगढ़ जाएंगे और पुरातत्व विभाग द्वारा दी गई नोटिस वापस लेने की चेतावनी भी देते हैं।
पडलकर ने कहा कि बच्चू कडू किसान नेता हैं, किसानों के लिए संघर्ष करने वाले नेता हैं। वे कुछ किसानों के मुद्दों को लेकर अनशन पर बैठे हैं। देवेंद्र फडणवीस ने किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए हैं। इसलिए बच्चू कडू को मुख्यमंत्री फडणवीस के कार्यों पर भरोसा करना चाहिए।