11 अप्रैल को सुनाया गया था मामले में फैसला। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
कोल्हापुर: कोल्हापुर जिले के आलते (हातकणंगले तालुका) के सहायक पुलिस निरीक्षक अश्विनी बिद्रे की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी और बर्खास्त वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अभय कुरुंदकर को सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अन्य आरोपियों महेश फलनीकर और कुंदन भंडारी को धारा 21 के तहत 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, चूंकि मामला वर्तमान में अपने 7वें वर्ष में है, इसलिए उन्हें अदालत ने रिहा कर दिया।
राज्य और पुलिस बल का ध्यान अश्विनी बिद्रे हत्या मामले के परिणाम पर केंद्रित था। सत्र न्यायाधीश, पनवेल, पी. पालदेवर ने मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने अभय कुरुंदकर को अपहरण, हत्या, पुलिस अधिकारी अश्विनी बिद्रे के शव को लकड़हारे से कुचलने और सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया; जबकि साथी कुंदन भंडारी और महेश फलनीकर को सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया गया।
मामले में फैसला 11 अप्रैल को दोपहर 3 बजे सुनाया गया। हालांकि, जज पालदेवर ने अश्विनी की बेटी सिद्धि, पति राजू गोरे, बुजुर्ग पिता जयकुमार बिद्रे और भाई आनंद बिद्रे को इस दिन अपना पक्ष रखने का मौका दिया। इस दौरान विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरात और बचाव पक्ष के वकील विशाल भानुशाली ने भी दलीलें रखीं। आरोपी कुरुंदकर, फलनीकर और कुंदन भंडारी से सजा के बारे में भी पूछा गया।
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दरअसल, इंस्पेक्टर अश्विनी बिद्रे कोल्हापुर की रहने वाली थीं। इंस्पेक्टर अभय और अश्विनी में प्यार था। दोनों लिव-इन में रहते थे और इसी बीच अचानक से अश्विनी लापता हो गई। बाद में पुलिस ने अश्विनी के शव का कुछ हिस्सा टुकड़ों में बरामद किया था। पुलिस ने मामले की जांच की, इस दौरान पाया गया कि यह वारदात खुद अभय ने अंजाम दिया था। कोर्ट ने पुलिस की बात को साबित भी किया। इसके बाद आरोपी को सजा हुई है।
अंततः आज पनवेल सत्र न्यायालय ने आरोपी अभय कुरुंदकर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 9 साल के इंतजार के बाद बिद्रे परिवार को न्याय मिला है और अदालत के इस फैसले ने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। मामले के फैसले के समय बिद्रे-गोर परिवार, आल्टे और हातकणंगले के रिश्तेदार और ग्रामीण उपस्थित थे।