मनोज जरांगे (सोर्स: सोशल मीडिया)
जालना: जालना जिले के अंतरवाली सराटी में 9 दिनों से अनशन पर बैठे मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल ने बुधवार को अपना अनशन खत्म कर दिया। 9 दिनों तक चले अनशन के कारण उनकी तबीयत लगातार खराब होती जा रही थी। ऐसे में डॉक्टरों की सलाह और मराठा समाज के लोगों की विनती के बाद उन्होंने समाज की महिलाओं और भाइयों के हाथों से पानी पीकर आंदोलन स्थगित कर दिया।
मराठा समाज और उनके सगे-सोयरे (परिजनों) के लिए पूर्ण आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे ने मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस के अवसर पर 17 सितंबर अनशन शुरू किया था। महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने उनके अनशन को बिलकुल भी महत्व नहीं दिया। जबकि खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 17 सितंबर को मराठवाड़ा में मौजूद थे। ऐसे में अनशन खत्म करने की घोषणा करने के दौरान मनोज जरांगे की आंखें भर आईं।
मनाेज जरांगे ने कहा कि “मैं हाई कोर्ट का सम्मान करता हूं, इसलिए कोर्ट के आदेश पर मैंने सलाइन लगवाई। हालांकि कोई व्यक्ति कितनी भी सलाइन लगवा ले, वह सिर्फ 27 दिन ही जिंदा रह सकता है। बाद में उसकी मौत हो ही जाती है। मैं कभी आपको अपना दर्द नहीं दिखाता लेकिन कल रात मेरी तबीयत ज्यादा खराब हो गई इसलिए आपको पता चला। रात को कलेक्टर साहब, एसपी साहब आए थे। कीचड़ भरे रास्ते में समाज के लोग आ रहे हैं सभी को परेशानी हो रही है।”
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मनोज जरांगे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज हर शिक्षक और पुलिसकर्मी आरक्षण का इंतजार कर रहा है। इसी तरह हर क्षेत्र के मराठा आज आरक्षण का इंतजार कर रहे हैं। मैं उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महायुति सरकार से बस इतना ही कहना चाहता हूं कि आपके कारण मुझे 9 दिनों तक अनशन करना पड़ा। आरक्षण के लिए मेरे गरीब मराठा इंतजार कर रहे हैं। आपके पास मौका है, इसे बर्बाद मत होने दीजिए, आचार संहिता तक मैं राजनीतिक भाषा नहीं बोलूंगा लेकिन इसके बाद आप में से किसी को भी नहीं छोड़ूंगा। मैं पूरा चुनाव खराब कर दूंगा।
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मनोज जरांगे ने अनशन को स्थगित करने की घोषणा करते हुए मराठा समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि यदि सरकार आपके बच्चों से दगाबाजी करती है, तो आप उन्हें बार-बार वोट देकर, जिताकर अपने बच्चों से दगा मत करना। उस अमीर आदमी की मदद करें जो अपने गरीब मराठों के साथ है, ‘मराठा माई-बाप’, अब भोले मत बनना। जैसा कि हमने तय किया है, 20-20 लोगों की एक टीम तैयार करो और तैयारियों में जुट जाओ। मराठा युवाओं को किसी भी राजनीतिक नेता और उनके बच्चों का समर्थन किए बिना समाज के लिए काम करना चाहिए और अपनी प्रगति करनी चाहिए।
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि रोज-रोज मरने की कोशिश करने वाले का क्या कर सकते हैं? मनोज जरांगे बार-बार अनशन करते हैं और फिर अनशन खत्म कर देते हैं। इस बार सरकार ने उनसे क्या वादा किया है? इस बारे में कम से कम मैं कुछ नहीं जानता।