पद्माकर वलवी (सोर्स: सोशल मीडिया)
जलगांव: महाराष्ट्र में आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति गर्म होती जा रही है। मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर एक ओर आंदोलन चल रहा है, जबकि दूसरी ओर मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण न देने के लिए आंदोलन हो रहा है। इसके अलावा धनगर आरक्षण के मुद्दे पर भी राज्य में आंदोलन हो रहा है। नंदुरबार में आदिवासी समुदाय धनगर आरक्षण के मुद्दे पर आक्रामक हो गया है। कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व मंत्री पद्माकर वलवी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर धनगर आरक्षण के मुद्दे पर हमला बोला है।
पूर्व मंत्री पद्माकर वलवी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मूर्ख, निकम्मा और नालायक मुख्यमंत्री कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जो सरकार या पार्टी आदिवासियों के खिलाफ फैसला लेगी उसे जमीन में गाड़े बिना शांत नहीं बैठेंगे। वलवी ने आदिवासी विधायकों और सांसदों को इस्तीफा देने की आवश्यकता से इनकार किया और कहा कि सरकार चुनाव के उद्देश्य से धनगर समुदाय को खुश करने का काम कर रही है।
पद्माकर वलवी आदिवासी क्षेत्रों से शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को हटाने का आह्वान किया। उनके बयान से यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में आदिवासी समुदाय के मुद्दों पर राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। वलवी ने अपने बयान में आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है और सरकार को चेतावनी दी है कि वह आदिवासियों के खिलाफ कोई भी फैसला लेने से पहले सावधानी से सोचे।
यह भी पढ़ें:– BJP विधायक टेकचंद सावरकर का सेल्फ गोल, लाडली बहन योजना पर दिया विवादित भाषण, मचा बवाल
भाजप नेता वलवी ने कहा कि आदिवासियों के अधिकारों आरक्षण और संवैधानिक प्रावधानों के बारे में हम आदिवासी नेताओं के रूप में कभी समझौता नहीं किया। लेकिन सरकार में हम मंत्री के रूप में रहकर सरकार को यह कहते आए हैं कि आदिवासियों के अधिकारों पर हमला नहीं किया जा सकता। हमने राज्य में विधायक और मंत्री के रूप में काम किया है।
धनगर और आदिवासी समुदाय के हित में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पद्माकर वलवी ने कहा है कि इससे राज्य को एक निकम्मा मुख्यमंत्री मिला है। मुख्यमंत्री के सलाहकार गलत हैं, लेकिन मुझे उनके नाम की जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को आदिवासियों की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
यह भी पढ़ें:– सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद में चूहे की खबर बेबुनियाद, ट्रस्ट ने कहा- यह बदनाम करने का षडयंत्र
पद्माकर वलवी ने कहा है कि आदिवासियों ने कभी कुछ मांगा नहीं है। राजनीतिक फायदे के लिए आदिवासियों का शोषण हो रहा है। उन्होंने जो पार्टी आदिवासियों के खिलाफ फैसला लेगी, उसे जमीन में गाड़े बिना नहीं छोड़ेंगे। आदिवासी विधायकों और सांसदों को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं, बस धमकी देनी है।
बता दें कि पद्माकर वलवी इसी साल मार्च के महीने में कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। वलवी नंदुरबार जिले से 3 बार विधायक रहें हैं और पिछली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। वलवी को नंदुरबार जिले का बड़ा नेता माना जाता हैं। पद्माकर वलवी के इस बयान के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है।