स्वाधार संघ और आधार संस्था के संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद महिलाएं
जलगांव: जलगांव जिले के अमलनेर में वेश्यावृत्ति को लेकर नई बहस छिड़ गई है। यह काम करने वाली महिलाओं को मिल रही धमकियों के बाद स्वाधार संघ और आधार संस्था इनके समर्थन में उतरी है। ऐडवोकेट ललिता पाटिल ने लैंगिक कामगार महिलाओं के स्वाधार केंद्र और आधार संस्था के संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर इस मामले में बड़ा बयान दिया है।
ललिता पाटिल ने कहा कि महिलाओं को व्यक्तिगत लैंगिक व्यवसाय करने का अधिकार है, और उन्हें उनके घर से कोई भी बाहर नहीं निकाल सकता। यदि कोई महिला जबरन वेश्यावृत्ति में धकेली जा रही है, तो हम उसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार हैं।
ऐडवोकेट ललिता पाटिल ने आगे कहा कि इन महिलाओं को भी स्वाभिमान के साथ जीने का अधिकार है, और समाज में इन महिलाओं की उपस्थिति के कारण अन्य महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं। न्यायालय ने इस क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए हैं, लेकिन कैमरे बंद हैं, उन्हें शुरू किया जाना चाहिए।
हाल ही में उच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए कुछ लोग लैंगिक कामगार महिलाओं को धमकी देकर डराने की कोशिश कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी, जिसके कारण इन महिलाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है।
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इस अवसर पर ऐडवोकेट ललिता पाटिल, ऐडवोकेट सलीम खान, आधार संस्था की भारती पाटिल, और रेणुप्रसाद उपस्थित थे। सलीम खान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर कहा कि एक महिला अपनी निजी पसंद से सेक्स कारोबार में शामिल हो सकती है। कोर्ट ने उनके पुनर्वास का भी निर्देश दिया लेकिन पुनर्वास नहीं हो रहा है। परिचय आधार संस्थान की भारती पाटिल ने किया।
इस दौरान एक महिला सेक्स वर्कर हम भी इससे बाहर निकलना चाहते हैं। लेकिन सवाल यह है कि जीविकोपार्जन कैसे किया जाए। यदि आपको संदेह है कि हम 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ व्यापार कर रहे हैं, तो कभी भी छापा मारें। सीसीटीवी कैमरे लगवाएं, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करें लेकिन जानबूझ कर परेशान न करें।