ईवीएम मशीन (सौ. सोशल मीडिया )
Jalna News In Hindi: ईवीएम मशीन हटाने की मुख्य मांग को लेकर जलगांव में बुधवार को जबरदस्त माहौल गर्म रहा। भारत मुक्ती मोर्चा, राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा, राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा और बहुजन क्रांति मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों बहुजन स्त्री-पुरुषों ने तीसरे चरण का जेल भरो आंदोलन किया।
यह आंदोलन सरकार को एक स्पष्ट संदेश देने के उद्देश्य से किया गया कि संवैधानिक अधिकारों और नागरिकों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जीएस ग्राउंड से रैली की शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई।
जुलूस जैसे ही स्वातंत्र्य चौक पहुंचा, पुलिस ने आंदोलकों को आगे बढ़ने से रोक दिया। लेकिन सैंकड़ों पुरुष और महिलाएं खुद ही गिरफ्तारी देने आगे बढ़ गए, जिससे पुलिस प्रशासन सकते में आ गया। स्थिति यह रही कि पुलिस के पास भीड़ को ले जाने के लिए पर्याप्त गाड़ियां नहीं पड़ीं, और उन्हें आनन-फानन में अतिरिक्त गाड़ियां मंगवानी पड़ीं। भीड़ को संभालने में पुलिस को पसीना आ गया और भारी अतिरिक्त बंदोबस्त मंगवाना पड़ा।
आंदोलन का नेतृत्व देवानंद निकम, सुभाष नावडे पाटिल, वसंत कोलते और अरुण जाधव समेत कई नेताओं ने किया। पूरे परिसर में ईवीएम हटाओ-देश बचाओ”, “शेतकयांना एमएसपी लागू करो” और “जातिगत जनगणना करो” जैसे नारों की गूंज सुनाई दी। यह आंदोलन सिर्फ चुनावी सुधारों तक सीमित नहीं था, बल्कि इसने सामाजिक और आर्थिक न्याय से जुड़े 21 महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।
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आंदोलकों ने सरकार को 21 मुद्दों पर घेरते हुए तत्काल कदम उठाने की मांग की। इनमें प्रमुख मागें ये हैं: चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से हों। ओबीसी व अन्य जातियों की जातिगत जनगणना हो। किसानों को MSP मिले और ओला सूखा घोषित हो। पुरानी पेंशन लागू की जाए, नई शिक्षा नीति रद्द हो। बोधगया महाविहार बौद्धों को सौंपा जाए। आदिवासी, मुस्लिम, ख्रिश्चन पर भेदभाव खत्म किया जाए, यह आंदोलन इस बात का प्रमाण था कि देश के बहुजन समाज में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता, सामाजिक न्याय और आर्थिक सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं है।