बंजारा समाज का मोर्चा (सौजन्य-नवभारत)
Yavatmal Protest: यवतमाल जिले के दारव्हा संभाग में बंजारा समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग का आरक्षण मिलना चाहिए इस मांग को लेकर दारव्हा में हजारों की संख्या में सकल बंजारा समाज की ओर से शुक्रवार 26 सितंबर को एक भव्य मोर्चा निकाला गया। इस मोर्चे की शुरुआत स्थानीय बंजारा भवन से झांसी रानी चौक, आर्णी बायपास, बस स्टेशन के रास्ते गोलीबार चौक पर जाकर यह सभा में बदल गया।
बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा, वरिष्ठ नागरिक पारंपरिक बंजारा पोशाक परिधान किए शामिल हुए और नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इस अवसर पर गोर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदेश चव्हाण ने मोर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के सात प्रतिशत आरक्षण को नुकसान पहुंचाए बिना बंजारा समाज को अनुसूचित जाति वर्ग का अलग आरक्षण दिया जाना चाहिए।
बंजारा समाज की भाषा, परिधान, जीवनशैली, धार्मिक परंपराएं, सांस्कृतिक रीति-रिवाज सब एक जैसे हैं। बंजारा समाज की सामाजिक स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार को तुरंत अनुसूचित जाति का अलग आरक्षण देना चाहिए। बंजारा समाज के दो झंडे हैं सफेद और लाल आज बंजारा समाज संत सेवालाल महाराज का सफेद झंडा लेकर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहा है इसलिए उन्हें लाल झंडे को हाथ में लेने के लिए मजबूर ना करें अगर वे लाल झंडा हाथ में लेते हैं तो पूरे महाराष्ट्र को बंद करवा देंगे।
बंजारा समाज का मोर्चा (सौजन्य-नवभारत)
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ऐसी चेतावनी गोर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदेश चव्हाण ने सरकार को दी इस मोर्चे में तहसील के सभी गांवों से महिलाएं और युवा शामिल हुए थे। इस अवसर पर सकल बंजारा समाज की ओर से उपखंड अधिकारी दारव्हा के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा गया।
हैदराबाद राज्य के 1921 के गैजेटियर में बंजारा, लमबाडी समाज का स्पष्ट उल्लेख ट्राइबल कम्युनिटी के रूप में मिलता है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी केंद्र और राज्य सरकार को कई बार सिफारिश की है, लेकिन महाराष्ट्र में बंजारा समाज को एसटी का दर्जा नहीं दिया गया है। लेकिन अब सभी प्रमाणों के आधार पर बंजारा समाज ने दृढ़ता से कहा है कि वे अनुसूचित जाति के योग्य हैं और और वह आरक्षण लेकर रहेंगे।