गिरीश महाजन और एकनाथ खड़से (सौजन्य-सोशल मीडिया)
HoneyTrap Case: हनी ट्रैप मामले में आरोपी प्रफुल लोढा का मामला सामने आने के बाद गिरीश महाजन और एकनाथ खडसे के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच, एकनाथ खडसे ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि फडणवीस के आशीर्वाद से महाजन की कीमत है, लेकिन फडणवीस ने उनके ऊपर से हाथ हटा दिया तो उनकी हालत गली में एक कुत्ते के पीछे सौ कुत्ते लग जाते हैं ऐसी होगी।
जामनेर तहसील के मूल निवासी प्रफुल लोढा के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत बलात्कार सहित हनी ट्रैप से जुड़े गंभीर अपराध दर्ज किए गए हैं। गिरफ्तारी के बाद, जलगांव जिले में उनकी संपत्ति की जांच की गई, जिसमें पुलिस ने लैपटॉप, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन जब्त किए हैं। इसके अलावा और भी महत्वपूर्ण सबूत मिलने की संभावना के चलते जांच तेज कर दी गई है।
इस बीच, शरद गुट के वरिष्ठ नेता और विधायक एकनाथ खडसे ने आरोप लगाया है कि प्रफुल लोढा और भाजपा मंत्री गिरीश महाजन के गहरे संबंध हैं। खडसे ने कहा कि पिछले सभी पुराने हिसाब चुकाने के लिए वे रोज नए आरोप लगाकर महाजन को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। खडसे ने कहा कि इसे जेल में डालो और इसके पीछे ईडी लगाओ, ऐसा मैं नहीं करता। अगर लड़ना है तो आमने-सामने लड़ो।
अब तक जो भी लड़ाई लड़ी है, वह सामने से लड़ी है, पीछे से कोई वार नहीं किया। प्रफुल लोढा महाजन के बंगले पर अक्सर रहते थे। इसके लिए किसी सबूत की जरूरत नहीं, कोई भी बता सकता है। लोढा को जो भी सबूत मिले हैं, वह किसी को देने या सच बताने से रोकने के लिए उसे बार-बार पुलिस कस्टडी में रखा जा रहा है। लोढा जब जमानत पर बाहर आएगे और सच सामने आएगा, तो ये सब खुलासा होगा।
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इसके अलावा खडसे ने सवाल उठाया कि हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तारी के 15 दिन बाद अंधेरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज क्यों किया गया? घटना की तारीख और मामला दर्ज होने की तारीख में 15 दिन का अंतर क्यों है? खडसे ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि लोढा से मिले सबूतों को नष्ट किया जाए। इसके अलावा, उसे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है क्योंकि उनसे कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आने की आशंका है।